2जी स्पेक्ट्रम घोटाले का फैसला आज आ गया है. देश के सबसे बड़े घोटाले में से एक 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में आज सीबीआई की विशेष अदालत फैसला सुना दिया है. इस मामले में पूर्व दूरसंचार ए. राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और अन्य आरोपी है. मालूम हो कियह मामला 6 साल पुराना है. मामले (2g scam verdict) में सीबीआई ने पहला आरोप पत्र 6 साल पहले दाखिल किया था. विशेष अदालत जिन तीन मामलों की सुनवाई कर रही है उनमें से दो सीबीआई और तीसरा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल किया गया था.
2G घोटाले में फैसला
- बचाव पक्ष की तरफ से राजीव अग्रवाल और आसिफ बलवा के वकील विजय अग्रवाल ने कहा है कि कोर्ट उन्हीं के पक्ष में फैसला सुनाया.
- इस मामले में आरोपी तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी भी सीबीआई कोर्ट पहुंच गए थे.
- इस घोटाले ने टेलीकॉम कंपनियों के अस्तित्व पर सवाल उठा दिया था.
- ए राजा को इस केस से जुड़े एक मामले में बरी कर दिया गया है.
- वहीँ 14 अन्य आरोपियों को भी बरी कर दिया गया है.
- कोर्ट द्वारा कहा गया है कि इस मामले में दूसरा पक्ष आरोप साबित करने में नाकाम रहा है.
- इस मामले में मुख्य आरोपी ए राजा थे जिन्हें बरी कर दिया गया है.
- वहीँ दो अन्य मामलों में सुनवाई जारी थी जिनमें ए राजा को बरी कर दिया गया.
- तीनों मामले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया है.
- कोर्ट ने कहा कि दोष साबित करने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं थे और दूसरा पक्ष बिल्कुल ही नाकाम रहा जिसके कारण सभी आरोपियों को बरी किया जाता है.
क्या था मामला (2g scam verdict):
- 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा वित्तीय घोटाला बताया गया था.
- भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घोटाला एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ रुपये का है.
- इस घोटाले में विपक्ष के भारी विवाद के बाद संचार मंत्री ए. राजा को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा.
- सीबीआई की पहली चार्जशीट में इस मामले में 17 आरोपी बनाए गए थे, जिसमें 14 लोग और तीन कंपनियां शामिल थे.
- वहीं दूसरे मामले में पांच लोग और तीन कंपनियों का नाम भी शामिल था.