गत वर्ष की आठ नवंबर को सरकार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था में चल रहे 500 व 1000 के पुराने नोटों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद सरकार द्वारा देश की जनता को इन नोटों को बंद करने हेतु एक निश्चित अवधि दी गयी थी. यही नहीं सरकार द्वारा इस आदेश के लागू होने के दौरान या यूं कहे कि नोटबंदी के दौरान जो लोग देश से बाहर थे या जो लोग NRI हैं व उनके पास भारत की पुरानी मुद्रा है उनके लिए इस समय का थोड़ा विस्तार किया गया था. जिसके बाद अब इस समय की अवधि आज ख़त्म हो रही है जिसके चलते देश के विभिन्न रिज़र्व बैंकों पर भीड़ का जमावड़ा लगा हुआ है.
31 मार्च के बाद नहीं बदले जायेगे पुराने नोट :
- नोटबंदी के दौरान सरकार द्वारा देश में बड़े नोटो के चलन को बन कर दिया गया था.
- जिसके बाद सरकार द्वारा जनता को एक सीमित अवधि के अंदर सभी पुराने नोटों को बदलने का आदेश दिया गया था.
- हालाँकि सरकार द्वारा इस समय अवधि को घटाकर 30 दिसंबर कर दिया था.
- जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में इस निर्णय के विरोध में कई याचिकाएं भी दायर की गयी थी.
- जिनपर कोर्ट द्वारा सुनवाई की जा रही है साथ ही केंद्र सरकार से इस निर्णय का कारण भी पूछा जा रहा है.
- इसके अलावा सरकार द्वारा देश के बाहर रह रहेव निवासी यानी NRI या नोटबंदी के समय भारत से बहार रहे व्यक्तियों के लिए इस सीमा को 31 मार्च रखा गया था.
- जिसके बाद अब देश के विभिन्न रिज़र्व बैंक की शाखाओं में जनता की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.
- आपको बता दें कि इस भीड़ में वे लोग भी शामिल हैं जिनके भारत में रहते हुए भी समय पर नोट नहीं बदल पाए.
- दरअसल उनके अनुसार उन्हें इस बात की उम्मीद है कि बैंक द्वारा उनकी भी सुनवाई की जायेगी.