आज सिख के 10वें और आखिरी सिख गुरु ‘गुरु गोबिंद सिंह’ की जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में देश भर में 350वां प्रकाश पर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है. इस उपलक्ष्य में बिहार की राजधानी पटना के तख़त श्री हरमिंदर साहिब, उनके जन्म स्थान पर जन्मदिन समारोह आयोजित किया गया है जिसमें दुनिया भर के सिख श्रद्धालुओं के भाग लेने की संभावना है. लेकिन क्या आप जानते है कि कौन हैं ‘गुरु गोबिंद सिंह’ और क्यों मना जाता है उन्हें सिख धर्म गुरु.
दशमेश गुरु थे ‘गुरु गोबिंद सिंह’-
- गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी.
- वे त्याग और वीरता के अप्रतिम उद्धरण थे.
- पंथ को खालसा बनाने के बाद उन्होंने सैन्य लोकाचार की शुरुआत की.
- पंथ के वे दसवें गुरु थे इसी कारण उन्होंने दशमेश गुरु की उपमा मिली.
- उनके जन्मदिन पर पटना को प्रति वर्ष उनके प्रकाशोत्सव को ऐतिहासिक दिन की तरह मनाया जाता है.
‘गुरु गोबिंद सिंह’ ने बनाए थे कायदे कानून-
- खालसा पंथ की स्थापना के बाद गोबिंद सिंह ने खालसा योद्धाओं के लिए कायदे कानून बताये थे.
- उन्होंने निहंगों को हर समय अस्त्र-शस्त्र, विशेषकर कृपाण (छोटी तलवार जैसी सिख लोग अपने पास रखते है) रखने का हुक्म सुनाया था.
- गुरु साहिब ने हुक्म दिया था कि खालसा योद्धा तम्बाकू का उपयोग नहीं करेंगें.
- इसके अलावा उन्होंने धर्म-विरुद्ध व्यक्ति के साथ संबंध नहीं रखने का हुक्म भी दिया.
- दशमेश गुरु ने सिखों के लिए पांच ककार (केश, कंघा, कच्छा, कड़ा और कृपाण) अनिवार्य कर दिए.
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