प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साल 2014 से लेकर अब तक कुल 35 बार मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता से संवाद स्थापित कर चुके हैं। इसी क्रम में रविवार 24 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम(36th mann ki baat) का 36वां संस्करण आयोजित किया था, जिसके तहत पीएम मोदी ने एक बार फिर से जनता से संवाद स्थापित किया और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार और लोगों की राय रखी।
36वें मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी का संबोधन(36th mann ki baat):
मन की बात करते-करते 3 साल हो गए(36th mann ki baat):
- मेरे प्यारे देशवासियो, आप सबको नमस्कार,
- आकाशवाणी के माध्यम से मन की बात करते-करते 3 वर्ष पूरे हो गए हैं, ये 36वाँ episode है।
- एक जन-मन में जो भाव उमड़ते रहते हैं।
- ‘मन की बात’ ने उन सब भावों से मुझे जुड़ने का एक बड़ा अद्भुत अवसर दिया।
- मैं तो महीने में एक बार आधा घंटा आपका लेता हूँ, लेकिन लोग, तीसों दिन ‘मन की बात’ के ऊपर अपनी बातें पहुँचाते हैं।
- मन की बात’ की तीन साल की ये यात्रा देशवासियों की, भावनाओं की, अनुभूति की एक यात्रा है।
- मन की बात में मैंने हमेशा आचार्य विनोबा भावे की उस बात को याद रखा है।
- मैंने मन की बात में कहा था, हमें भोजन करते समय चिंता करनी चाहिये कि,
- जितनी ज़रूरत है उतना ही लें, हम उसको बर्बाद न करें।
स्वच्छता के लिए कई लोग आगे आये(36th mann ki baat):
- मैंने महाराष्ट्र के एक रिटायर्ड टीचर चन्द्रकान्त कुलकर्णी की बात कही थी, जिन्होंने स्वच्छता के लिये दान दिया था।
- उसके बाद तो मैंने देखा कि स्वच्छता के लिए, इस प्रकार के काम करने के लिए कितने लोग आगे आए।
- देश सही दिशा में जाने के लिए हर पल अग्रसर है।
- खादी एक वस्त्र नहीं, एक विचार है।
- उत्तर प्रदेश, वाराणसी सेवापुर में, सेवापुरी का खादी आश्रम 26 साल से बंद पड़ा था,
- लेकिन आज पुनर्जीवित हो गया।
- पिछले महीने हमने एक संकल्प किया था और तय किया था कि,
- गाँधी-जयंती से पहले 15 दिन देश-भर में स्वच्छता का उत्सव मनायेंगे।
अब सार्वजनिक स्थान गंदे हों तो लोग टोकते हैं(36th mann ki baat):
- सार्वजनिक स्थानों पर दबाव पैदा हुआ है अब सार्वजनिक स्थान गंदे हों तो लोग टोकते हैं,
- वहाँ काम करने वालों को दबाव महसूस होने लगा है