8 नवम्बर को पीएम मोदी ने एक ऐसा ऐलान किया जिसके बाद देश में अफरा-तफरी मच गई. ऐलान ये था कि 500 और 1000 रूपये की नोटों को बंद कर किया जा रहा है.
इस ऐलान में कहा गया कि-
- रात 8.11.2016 की आधी रात से 500 और 1000 रुपये के नोट कानूनी रूप से अमान्य होगें.
- आज रात से 500 और 1000 के नोट महज कागज के टुकड़े रह जाएंगे.
- पुराने नोट 10 नबंबर 2016 से लेकर 30 दिसंबर 2016 तक बैंक या डाकघर में जमा करवा सकते हैं.
- हालाँकि अभी पुराने नोटों के इस्तेमाल की समय-सीमा 24 नवम्बर तक बढ़ा दी गई है.
- साथ ही सरकार ने 2500 रूपये एटीएम से और 4500 रु तक के नोटों को बदलने की स्वीकृति दे दी है.
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उस दिन पीएम मोदी ने कहा था कि –
- आतंकियों को फंड कौन दे रहा है?.
- सीमा पार से जाली नोटों से फंडिंग हो रही है.
- देश को जाली नोटों का जाल तबाह कर रहा है.
- कालेधन के लिए SIT का गठन किया.
- कालेधन वापस लाने को समझौतों में परिवर्तन किया.
- ब्लैक मनी के लिए मजबूत कानून बनाया .
- ढाई साल में भ्रष्टाचारियों से सवा लाख करोड़ बाहर लाए.
- आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए.
- जाली नोट,भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए.
- कैश के सर्कुलेशन का संबंध भ्रष्टाचार से है.
- भ्रष्टाचार की मार गरीब, मध्यम वर्ग झेलते हैं.
- मकान खरीदने के लिए कैश ज्यादा मांगा जाता है.
- भ्रष्टाचार हवाला कारोबार को भी बल देते हैं.
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आम जनता के सब्र का टूटने लगा बांध:
सरकार की इस घोषणा से आम जनता सबसे ज्यादा खुश थी. उन्हें यकीन होने लगा था कि अब भ्रष्ट नेताओं और बड़े-बड़े कारोबारियों के कालेधन का कोई उपयोग नही रह गया. लोग कई घंटे तक लाइन में लगकर 2 हजार रूपये निकालकर भी खुश थे. 4 हजार रूपये तक के पुराने नोटों को बदलकर खुश थे. सरकार ने आश्वस्त किया था कि 2-3 दिन में ये तकलीफ दूर हो जाएगी. इसलिए देशवासी ये तकलीफ ख़ुशी-ख़ुशी झेलने को तैयार थे.
- किसी योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने से पहले आने वाली चुनौतियों पर काम करना पड़ता है.
- शायद यहाँ भी यही चूक होती दिख रही है.
- अस्पताल अपनी मनमानी कर रहे हैं.
- पुराने नोट नहीं लेने से मरीजों का ईलाज नही हो पा रहा है.
- इसके कारण कुछ लोगों की जान भी चली गई.
- अब इनके परिजन पीएम के इस निर्णय को कोस रहे हैं.
- इनका कहना है कि सरकार को थोड़ा वक्त देना चाहिए था.
- कई घंटे लाइन में खड़े होने के बावजूद भी पैसा नही निकल पाने से लोगों में रोष व्याप्त है.
- अधिकांश बैंक एटीएम में पैसे नही है.
- बैंक के बाहर सैकड़ों और हजारों लोगों की भीड़ कम होने का नाम नही ले रही है.
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ईलाज के लिए परेशान मरीज:
- जिन घरों में शादी है , उनको बहुत दिक्कतें आ रही है.
- छोटे-छोटे खर्चे तो जैसे-तैसे इंतजाम कर ले रहे हैं.
- लेकिन इन परिवारों को शादी जैसे आयोजन में पैसे की कमी बहुत खल रही है.
- अकाउंट में पैसे होते हुए भी लोग पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं.
- बुजुर्गों को भी भारी मशक्कत करनी पड़ रही है.
- कई घंटे लाइन में लगने के बाद इनकी तबियत ख़राब हो जा रही है.
- जिसके बाद फिर वही कहानी कि ईलाज के लिए पैसे लायें तो लायें कहाँ से.
- लोगों का कहना है कि निर्णय तो अच्छा है लेकिन इसके इंतजामों पर सरकार को काम करना चाहिए था.
- सरकार को युद्ध स्तर पर नोटों को बैंक तक पहुँचाने का काम करना चाहिए था.
- ऐसा ना हो पाना परेशानियों को दूर करने में फिलहाल अक्षम है.
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2000 रु की नोट बनी मुसीबत:
- 2000 रूपये की नयी नोटों के आने से भी एक मुसीबत बढ़ गई है.
- अभी बैंक के पास 500 के नोट नहीं हैं. 100 के नोटों का खजाना भी इतना नही कि सबको ये नोट दिए जा सकें.
- ऐसे में 2000 रु लेकर लोग उनके छुट्टे कराने के लिए भटक रहे हैं.
- ये दिक्कत इसलिए है क्योंकि 500 रु की नोट बंद होने के बाद नयी नोट अभी तक उपलब्ध नही है.
सरकार को करना होगा जल्द इंतजाम:
आम नागरिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने कुछ चीजों में बदलाव किया है.
- 2000 रु की जगह अब 2500 रु एटीएम से निकालने को मंजूरी दे दी है.
- 4000 रु की जगह अब 4500 रु तक के नोटों की बदली हो सकेगी.
- एक हफ्ते में 24 हजार रूपये निकाले जा सकेंगे.
- एक दिन में 10000 रु निकालने की सीमा को ख़त्म कर दिया गया है.
- इस फैसले से थोड़ी सी राहत जनता को मिलती दिख रही है.
- लेकिन गुरुपर्व होने के कारण बैंकों का बंद होना परेशानी ख़त्म नही होने दे रहा है.
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500 रु के नए नोट 15 नवम्बर से एटीएम और बैंकों में उपलब्ध रहेंगे. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि लोगों को 2000 रु के छुट्टे कराने की समस्या ख़त्म हो सकती है. वहीँ 100 की नोटों के बजाय अब 500 रु की नोट मिलने से बैंक को भी थोड़ी सहूलियत होगी. कई जगहों पर छोटी-मोटी घटनाओं के बाद अब आम जनता के सब्र का बांध टूटने लगा है. ऐसे में सरकार को इन परेशानियों को देखते हुए नोटों को बैंकों तक पहुँचाने में देरी मुश्किलें पैदा कर सकती है.