हाल ही में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री रविशंकर प्रसाद ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के पूराने नोट को बैन करने का फैसला कालेधन के खिलाफ लड़ाई में एक स्वाभिक कदम है.
भ्रष्टाचार निरोधक सम्मेलन को किया संबोधित :
- हाल ही में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने पुराने बड़े नोटों को लेकर एक बयान दिया है.
- यह बयान उन्होंने SBI द्वारा आयोजित भ्रष्टाचार निरोधक सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिया.
- रविशंकर ने कहा कि पूराने नोट भारतीय अर्थव्यवस्था की पारदर्शिता को प्रभावित कर रहे थे.
- केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह कदम परिवर्तनकारी कदम है.
- उन्होंने कहा की 500 और 1000 के नोटों को बंद करने पर सरकार के फैसले पर बहस हो रही है.
- परंतु हमारी सरकार ने इन सालों में कई स्वाभाविक कदम उठाये गये हैं, जिनमे से एक यह है.
- 500 और 1000 रुपये के पूराने नोटों को हटाने का यह फैसला क्यों ? यह बड़ा सरल जवाब है.
- रविशंकर प्रशाद ने कहा , ‘‘भारत की जीडीपी का 15 प्रतिशत नकद है जो अन्य देशों के विपरीत बहुत ही ज्यादा है.
- उस 15 फीसदी में से 85-86 फीसदी 500 और 1000 रुपये के नोटों में है.
- हम नहीं कहते है कि हर भारतीय भ्रष्ट है, बिल्कुल नहीं.
- परंतु एक कठोर तथ्य यह है कि इन नोटों की इतनी बड़ी संख्या अर्थव्यवस्था की पारदर्शिता को प्रभावित कर रही है.
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