Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

सिर्फ 10 मिनट और 500 रु में करोड़ों आधार कार्ड की जानकारी

देश में आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर बहस सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, सरकारी सेवाओं और योजनाओं के लिए आधार को जरुरी किये जाने पर रोक लगाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च 2018 तक फैसला टाल दिया था. वहीँ पिछले साल नवंबर में ही आधार बनाने वाली अथॉरिटी यूआईडीएआई ने ये भरोसा भी दिलवाया था कि, आपका ‘आधार डेटा किसी तरह से लीक नहीं हो सकता और ये पूरी तरह से सुरक्षित है,’ लेकिन एक अंग्रेजी अखबार ने ‘आधार डेटा’ के लीक होने को लेकर ये बड़ा खुलासा किया है.

10 मिनट में करोड़ों आधार कार्ड की जानकारी:

आपको बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अंग्रेजी अखबार ‘tribune’ द्वारा की गई तहकीकात को भले ही खारिज कर दिया है, लेकिन इस अंग्रेजी अखबार की तहकीकात से पता चला है  कि आपके आधार कार्ड में मौजूद डाटा की जानकारी बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है. कोई भी मात्र 500 रुपये में सिर्फ 10 मिनट के अंदर देश भर के करोड़ों आधार कार्ड की जानकारी आसानी से हासिल कर सकता है. तहकीकात के मुताबिक इस अंग्रेजी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से मात्र 500 रुपये में यह सर्विस खरीदी और करीब हर भारतीय के आधार कार्ड का एक्सेस मिल गया.

जाने ये पूरी तहकीकात:

बता दें कि इस अंग्रेजी अखबार की तहकीकात के दौरान अनिल कुमार नाम के एक ऐसे एजेंट का नाम सामने आया. जिसने आधार कार्ड को लेकर ये बड़ा खुलासा किया है. बता दें कि तहकीकात के दौरान उसने एक एक्सेस पोर्टल बनाने की बात कही और उससे ई-मेल और मोबाइल नंबर मांगा. इसके बाद उसने एक नंबर पर पेटीएम के माध्यम से 500 रुपए ट्रांसफर करने को बोला और  पैसे मिलते ही इस एजेंट ने सिर्फ 10 मिनट में एक गेटवे दिया और लॉग-इन पासवर्ड के बाद सिर्फ आधार कार्ड का नंबर डालने मात्र से ही व्यक्ति के बारे निजी जानकारी आसानी से मिल गई थी.

सिर्फ 300 रुपये में दी पूरी डिटेल:

आपको बता दें कि जानकारी मिलने के बाद सुनील कुमार नाम के इस एजेंट से जब इन आधार कार्ड का प्रिंट करवाने को कहा, तो उसने फिर से उसी नंबर पर पेटीएम के जरिये 300 रुपये लेकर रिमोट से ‘टीम व्यूवर’ के जरिये तहकीकात करने वाली रिपोर्टर के कंप्यूटर में एक सॉफ्टवेयर इंस्टाल किया. इसके बाद काम खत्म करते ही उसने सॉफ्टवेयर तुरंत डिलीट कर दिया था. बता दें कि इस तहकीकात की जानकारी मिलते ही यूआईडीएआई अधिकारियों द्वारा मामले पर संज्ञान लेते हुए बेंगलुरु में टेक्निक्ल टीम को इससे अवगत कराया गया है.

ये ग्रुप 6 महीने से है एक्टिवेट:

इस अंग्रेजी अखबार से मिली जानकारी के मुताबिक आधार कार्ड का डाटा लीक करने का काम इस ग्रुप द्वारा करीब 6 महीने से किया जा रहा है. आपको बता दें कि इस ग्रुप का सबसे पहला निशाना तीन लाख ग्रामीण लोग बने थे. सबसे पहले इन्होने इन्ही लोगों को टारगेट किया था.

पहले भी आईं डेटा लीक होने की खबरें:

आपको बता दें कि ये कोई नईबात नहीं है कि आधार कार्ड का डाटा लीक हो रहा है. इससे पहले भी करोड़ो आधार कार्ड धारकों का डेटा लीक हो चुका है और 4 सरकारी वेबसाइट्स से डाटा लीक होने की रिपोर्ट्स भी आ चुकी है. वहीँ बेंगलुरु में संगठन सेंटर फॉर इंटरनेट ऐंड सोसाइटी (CIS) ने अपनी एक स्टडी द्वारा आधार नंबर, नाम और निजी डेटा लीक होने का दावा भी किया था.

ये भी पढ़ें, 10 जनवरी को यूपी 100 मनाएगा वार्षिक उत्सव, एडीजी ने ली मीटिंग

Related posts

काठमाण्डू में यात्री विमान क्रैश, 50 लोगों के मारे जाने की आशंका

Bharat Sharma
7 years ago

ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने भारत में दो कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की दी मंजूरी ।

Desk
4 years ago

आतंकियों ने CRPF की गश्ती दल पर फेंका ग्रेनेड, एक जवान घायल!

Namita
7 years ago
Exit mobile version