पूर्व नौकरशाहों ने देश में बढ़ते अति-राष्ट्रवाद और अधिनायकवाद को रोकने के लिए सरकारी निकायों से कदम उठाने की अपील की। पैंसठ पूर्व नौकरशाहों ने हाल में घटी घटनाओं का ध्यान दिलाते हुए एक खुली चिट्ठी लिखी।
पूर्व नौकरशाहों ने लिखी खुली चिट्ठी-
- पैंसठ पूर्व नौकरशाहों ने देश में घट रही हालिया घटनाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए खुली चिट्ठी लिखी है।
- इसमें उन्होंने कहा कि गौरक्षा के नाम पर हुई हिंसा उनमें एक गहरी बेचैनी पैदा कर रहा है।
- चिट्ठी में पूर्व नौकरशाहों ने कहा है कि देश में अति राष्ट्रवाद ने आलोचकों को पक्ष-विपक्ष में देखने का माहौल पैदा कर दिया है।
- माहौल ऐसा हो गया है कि अगर आप सरकार के साथ नहीं है तो इसका अर्थ यह है कि आर राष्ट्रविरोधी है।
- नौकरशाहों ने कहा कि इसका साफ संदेश यह है कि जो सत्ता में नहीं है उनसे सवाल न पूछे।
- चिट्ठी में संवैधानिक निकायो और सार्वजनिक संस्थाओं से इन परेशान करने वाली इन प्रवृतियों की ओर ध्यान देने और इन्हें ठीक करने के लिए कदम उठाने की अपील की।
- साथ ही कहा कि हम सभी को देश के संविधान के मूल्यों को बचाने के लिए आगे आना होगा।
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