भारत के इतिहास का हर एक दिन स्वर्णिम अक्षरों में इतिहास की किताब में लिखा जा चुका है. यहाँ पर पैदा होने वाले शूरवीरों की कहानी सुनने वालों को जीवन की एक नयी दिशा प्रदान करती है. यही नहीं इन सभी का जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए किसी मार्गदर्शन से कम नहीं है.
सिखों की हिंसा रोकने के लिए पंजाब भेजी गयी थी सेना :
- पंजाब में सन 1984 में ऐसा समय भी आया था जब यहाँ की जनता ने हिंसा का सामना किया था.
- अमृतसर के पवित्र स्वर्ण मंदिर में एक खालिस्तानी के छिपे होने के चलते 400 लोग मारे गए थे.
- बता दें कि यह खालिस्तानी भारत की सरकार के खिलाफ आवाज़ उठा रहा था.
- साथ ही सरकार के विरुद्ध जाकर कार्य कर रहा था,
- जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी के इसे पकड़ने के आदेश दिए थे.
- बता दें कि इस खालिस्तानी का नाम जैरनैल सिंह बिंद्रावाले था.
- साथ ही सेना द्वारा कीयेव गए इस ऑपरेशन का नाम ब्लू स्टार था जो आज इतिहास में एक दर्द बनकर रह गया है.
- बता दें कि इस ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद सरकार द्वारा पंजाब में माहौल को सुधारने के लिए सेना भेजी गयी थी.
अन्य कुछ झलकियाँ :
- 1539 में आज ही के दिन शेर शाह सुरी द्वारा हुमायूं को बक्सर की लड़ाई में हरा दिया गया था.
- 1606 में आज ही के दिन सिखों के पांचवे गुरु अर्जन देव की मृत्यु हो गयी थी.
- 1631 में आज ही के दिन शाहजहाँ की बेगम मुमताज़ महल की प्रसव के दौरान मौत हो गयी थी.
- 1955 में आज ही के दिन पंडित जवाहरलाल नेहरु प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार USSR गए थे.
- 1974 में आज ही के दिन टेनिस की दुनिया के सरताज महेश भूपति का जन्म हुआ था.
- 1979 में आज ही के दिन देश का पहला प्रायोगिक उपग्रह भास्कर-1 का सफल प्रक्षेपण किया गया था.
- 1997 में आज ही के दिन महेश भूपति एक ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले पहले भारतीय बन गए थे.
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