14 साल की आयु में दिल का दौरा पड़ने से इनको क्लीनिकली मृत घोषित कर दिया था.इनका आत्मबल और संकल्प आज सफलता के मोकाम पर कैसे लाया?एक नज़र करुणा गोपाल के जीवन पर.
- आरंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद करुणा गोपाल एनआईआईटी में बतौर फैकल्टी पढ़ाने लगीं थी.
- साथ ही सॉफ्टवेर इंजिनियर का काम भी संभाल रहीं थीं.१९९१ में इनका विवाह गोपाल कृष्णन से हो गया.
- करुणा ने घर से ही कम करना शुरू किया उनके साथ एक वर्चुअल टीम का साथ भी था.
- उन्होंने अमेरिका से फैलोशिप ली थी और विदेश में रहकर पढाई पूरी की थी.
- अमेरिका, सिंगापुर और वियतनाम आदि देशों से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट डिजाइन के प्रस्ताव आए और वे काम करने लगीं।
- खुद प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने विदेश से भारत बुलाया है.
करुणा गोपाल १०० स्मार्ट सिटी की मुख्य सह्लाकार हैं.
- अपने काम की वजह से ही करुणा वन्कैया नायडू के संपर्क में आई.
- विदेशों का काम देखकर भारत में स्मार्ट सिटी का प्रस्ताव रखा जिस पर शीघ्र स्वीकृति मिली.
-
करुणा गोपाल ने ही डिजाईन किया है स्मार्ट सिटी मिशन
- प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने इस मिशन के लांच पर करुणा को आमंत्रित किया है .
- करुणा गोपाल ने देश के लिए इतना कुछ सोचा है .
- युवाओं को भी वो आईएस अकादमी मे पढाती और देश के लिए कुछ करने को प्रेरित करती हैं.
– अपने इस काम की वजह से वे वेंकैया नायडू के कॉन्टैक्ट में आईं और विदेशों का काम देखकर देश में स्मार्ट सिटी के लिए काम करने का प्रस्ताव मिला।
– उन्होंने ही देश का स्मार्ट सिटी मिशन डिजाइन किया है। प्रधानमंत्री ने करुणा गोपाल को इस मिशन लॉन्च पर आमंत्रित किया था। वे मसूरी में आईएएस अकादमी में भी पढ़ाती हैं।