2007 में राजस्थान की प्रसिद्ध दरगाह अजमेर शरीफ में रमजान के मौके पर एक हादसा हुआ था. दरअसल यहाँ पर इस पाक माह के इफ्तार के दौरान एक बम धमाका हुआ था. यह धमाका इतना जोर का था कि इस हादसे में करीब तीन लोगों की जान चली गयी थी. साथ ही करीब 17 लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. जिसके बाद से ही यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक ख़ास न्यायालय द्वारा देखा जा रहा है और इस मामले में बीते समय काफी जांच चली है. जिसके बाद आज इस माले में दोषी पाए गए आरोपियों को सज़ा सुनाई जानी है.

कौन है ये आरोपी :

  • अजमेर की प्रसिद्ध अजमेर शरीफ दरगाह में वर्ष 2007 में एक भयानक घटना घटित हुई थी.
  • बता दें कि यह घटना रमजान के पाक महीने की एक इफ्तार पार्टी के दौरान हुआ था.
  • इस दरगाह में अपना व्रत खोलने बैठे लोगों को बम का शिकार होना पड़ा था.
  • यही नहीं इस बम धमाके के चलते तीन लोगों की जान चली गयी थी.
  • साथ ही करीब 17 लोग इस बम की चपेट में आकर घायल हो गए थे.
  • जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा इस मामले में आरोपियों से पूछताछ की गयी थी.
  • जिनमे से एक आरएसएस के कार्यकर्ता स्वामी असीमानंद थे.
  • साथ ही सुनील जोशी, देवेन्द्र गुप्ता व भावेश पटेल थे.
  • बता दें कि स्वामी असीमानंद को उनके बयान को सच मानते हुए बाद में रिहा कर दिया गया था.
  • इसके अलावा सुनील जोशी की वर्ष 2014 में मृत्यु हो गयी थी.
  • वहीँ देवेन्द्र गुप्ता व भावेश पटेल पर कई धाराओं के तहत मामला चल रहा है.
  • जिसके बाद हाल ही में स्वामी असीमानंद को दोषी पाते हुए गिरफ्तार किया गया है.
  • जिसके बाद आज NIA के ख़ास न्यायालय में इन सभी दोषियों को जातिवादी हिंसा, ह्त्या व बम का इस्तेमाल जैसे कई आरोपों के तहत सज़ा सुनाई जायेगी.
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