हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के कई इस्लामिक धर्मगुरु कोर्ट के फैसले से सहमत नज़र नही आ रहे हैं. जिसके बाद उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है.
पर्सनल लॉ बोर्ड देश के संविधान से ऊपर नहीं हो सकता :
- आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में तीन तलाक पर अपना फैसला सुनाया है.
- अपने इस फैसले में कोर्ट ने साफ़ किया की इससे महिला अधिकारों का हनन होता है.
- इसके साथ ही कोर्ट ने कहा पर्सनल लॉ बोर्ड देश के संविधान से ऊपर नहीं हो सकता.
- बता दें की तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिए जाने से बरेली के उलेमा भी खफा हैं.
- दरगाह आला हजरत के मुफ्ती मोहम्मद सलीम नूरी ने भी इसे सोची-समझी साजिश करार दिया है.
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश के संविधान ने पर्सनल लॉ को सही माना है.
- इस्लाम का कानून महिलाओं के खिलाफ नहीं है, हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी.
कुरान के नियमों को बदलने का अधिकार मुसलमानों के पास नहीं :
- हाई कोर्ट फैसले के बाद फैजाबाद में अजमेर शरीफ कमेटी के उपाध्यक्ष ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
- जिसके तहत उन्होंने कहा कि इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी.
- तीन तलाक को पवित्र कुरान में अच्छा नहीं बताया गया, फिर भी स्वीकार किया गया है.
- कुरान के नियमों को बदलने का अधिकार मुसलमानों के पास नहीं है.