उरी हमले और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाब शरीफ के सार्क सम्मेलन में दिए गए भारत विरोधी भाषण के बाद अब पकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए केंद्र सरकार के तीन दिग्गज नेताओं द्वारा अलग-अलग भाषण दिए गए हैं क्या है इनके मायने ?
पीएम का पाकिस्तानी अवाम से संवाद :
- उरी हमले के 7वें दिन पीएम मोदी ने पाकिस्तान पर निशाना साधा।
- केरल के कोझीकोड में पीएम अपने 32 मिनट के भाषण में 15 मिनट तक सिर्फ पाकिस्तान प्रयोजित आतंकवाद पर बोले।
- इस भाषण में एक नई बात यह थी कि उन्होंने पाकिस्तान की अवाम से संवाद करने की कोशिश की थी।
- इसके साथ ही गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी पर लंबे-चौड़े बयान दिए थे।
- हालांकि इससे पहले ही पीएम मोदी नई दिल्ली में तीनों सेना प्रमुखों से मिले थे।
- इस बैठक के बाद उम्मीद थी कि मोदी पाकिस्तान के खिलाफ कुछ सख्त बयान देंगे।
- हालंकि पीएम ने पाकिस्तान के लोगों से सीधी बात कर उरी हमले पर उदार प्रतिक्रिया देने की कोशिश की।
- शायद वो यह दिखाना चाहते थे कि वे अन्य नेताओं से कितने अलग हैं।
- माना जा रहा है कि आज अगर इंदिरा गांधी या लाल बहादुर शास्त्री होते तो जवाब का तरीका शायद कुछ अलग होता।
अमित शाह ने दिखाए तल्ख तेवर :
- वहीं इसके विपरीत बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने पकिस्तान को सख्त सन्देश दिए हैं।
- उन्होंने कहा, ‘पड़ोसी ने हमारे ऊपर लंबी लड़ाई थोपी है लेकिन वह इसे परिणाम न समझे, उरी तो एक पड़ाव है।
- इसके साथ ही वे बोले लड़ाई कितनी भी लंबी हो, विजय हमारी सेना की ही होगी।
- इस सन्देश द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ जंग को लेकर पार्टी अध्यक्ष के तेवर तल्ख दिखे।
- इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी देश में व्याप्त गुस्से को महसूस करती है।
- इस तरह शाह ने देश की जनता के बीच व्याप्त गुस्से को पार्टी की ओर से जगजाहिर किया।
सुषमा के जरिये डिप्लोमैटिक चाल :
- सोमवार शाम विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा सार्क में दिए जाने वाले बयान पर भारत और पाकिस्तान के अवाम की निगाहें हैं।
- उम्मीद है कि सुषमा का बयान सरकार और पार्टी के रुख से थोड़ा हटकर होगा।
- इसके साथ ही शरीफ के भारत विरोधी बयान का यूएन के मंच से ही करारा जवाब दिए जाने की उम्मीद है।
- भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि भारत को जवाब देने का पूरा अधिकार है।
- पाकिस्तान को आतंकवाद पैदा करने वाला और आतंकवादी देश कहा जा सकता है।
- इसके अनुसार भारत वैश्विक मंच के जरिये पाकिस्तान को दुनियाभर में अलग-थलग करने की कूटनीति पर भी काम कर रहा है।