एएमयू से पीएचडी कर रहे मन्नन वानी से उसके परिवार का संपर्क टूट गया था. फेसबुक और व्हॉट्सएप पर उसके हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने का मैसेज आया है. इस खुलासे ने देश में फिर से कश्मीर और वहां के युवाओं को लेकर छिड़ी बहस को बढ़ाने का काम किया है.
मन्नान के हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने की खबर
AMU के रिसर्च स्कॉलर मन्नान वानी के हिज्बुल मुजाहिद्दीन में शामिल होने की खबर आई है. सोशल मीडिया पर एके-47 रायफल के साथ कई फोटो मिली है. मन्नान एएमयू से पीएचडी कर रहा है. कुछ दिनों पहले यूनिवर्सिटी छोड़ दी थी, मुशीर ने एमफिल भी एएमयू से किया है. जबकि परिजनों का कहना है कि उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी.
एएमयू में अप्लाइड जियोलॉजी विभाग से पीएचडी कर रहा था:
देश में आतंकियों के फैलते जाल का एक और मामला सामने आया जब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा एक कश्मीरी छात्र गायब हो गया था. लेकिन अचानक उसके आतंकी बनने की खबर सामने आई है. फेसबुक और व्हॉट्सएप पर जारी मैसेज के अनुसार, कश्मीरी शोधार्थी 5 जनवरी को हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है. सोशल नेटवर्किंग पर जारी फोटो में उसे अंडर बैरल ग्रेनेड लांचर के साथ देखा जा सकता है. इस कश्मीरी युवक का भाई जूनियर इंजीनियर है. ख़बरों के मुताबिक, एएमयू में पीएचडी कर रहे युवक की पहचान कुपवाड़ा (जम्मू-कश्मीर) निवासी मन्नान वानी के तौर पर हुई है. परिजनों ने बताया कि मन्नान एएमयू में अप्लाइड जियोलॉजी विभाग से पीएचडी कर रहा था.
बीते एक साल में जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट से आतंकियों में हड़कंप मची है. आतंकियों का या तो एनकाउंटर हो गया या परिवार की मिन्नत पर उन्हें मुख्यधारा में लौटना पड़ा. सरकार की कोशिश भी यही है कि युवाओं को मुख्यधारा में वापस जोड़ा जाए. ऐसे में अलीगढ़ से आ रही ये खबर कश्मीर को लेकर अलग ही कहानी कह रही है.