गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने अभी-अभी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ये इस्तीफा पार्टी के अध्यक्ष को सौंप दिया है। इससे कुछ देर पहले ही आनंदी बेन पटेल ने फेसबूक के माध्यम से अपनी मंशा जाहिर कर दी थी और कयास लगाये जा रहे थे कि किसी भी वक्त इस्तीफा दे सकती हैं।
गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि 30 साल तक उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सेवा की है और जो भी जिम्मेदारियां दी गई उन्हें बखूबी निभाया है। ये मेरा सौभाग्य रहा है कि मुझे ऐसी जिम्मेदारियां सौंपी गई,लेकिन अब वो इस मुख्यमंत्री के पद से मुक्त होना चाहती हैं।
पार्टी के सीनियर लीडरशिप से उन्होंने अपील की है और अपने फेसबुक वाल पर अपनी बात कही है।
उन्होंने अपने फेसबूक पोस्ट पर लिखा है –
‘महिला मोर्चा की जवाबदेही से लेकर मुख्यमंत्री तक के पद पर हर प्रकार की जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में संगठन की जिम्मेदारी मिली उसके बाद राज्य की कमान मिली। प्रदेश में विकास कार्य चलता रहा कोई बाधा नहीं आने दी। पिछले 18 सालों में कई विभागों में सुधार किया और काम-काज को सरल बनाने की कोशिश की।
नरेन्द्र मोदी जी के बाद 2014 में मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी मिली और मुझे गुजरात की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव मिला जो की गुजरात की नारियों के लिए सम्मान की बात है। नरेंद्र मोदी जी के 12 साल के विकास कार्य को आगे बढ़ाने में काफी हद सफल रही, उनकी तरह लोकप्रिय नही हो पाना, स्वाभाविक है।
भाजपा के सिद्धांत और विचारधारा ने हमेशा मुझे प्रेरित किया और इनका अनुपालन मैंने हमेशा किया है। 75 साल की उम्र के बाद सीनियर होने के कारण अब नई पीढ़ी को मौका देने का वक्त है और उसी को आगे बढ़ाना चाहती हूँ मैं। 2017 में चुनाव हैं और मुख्यमंत्री के अगले दावेदार को उचित मौका और समय मिलना चाहिए। इसलिए इस पत्र के माध्यम से मैं शीर्ष नेतृत्व से खुद को कार्यमुक्त करने की अपील करती हूँ।
गुजरात की गौरवशाली प्रजा की सेवा करने का सौभाग्य मिला मुझे, जनता को हर तरीके से लाभ मिले इसके लिए मैंने प्रयत्न किये और एक परिवार की तरह जो मुझे स्नेह मिला मैं उसके लिए धन्यवाद देती हूँ और वंदन करती हूँ।’