प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वार नोटबंदी का एलान किये जाने के बाद देश भर में लोगों के सामने कैश की किल्लत बनी हुई है। ऐसे में अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के लिए नई करेंसी ले कर जा रहा जहाज़ एक हफ्ते से कोलकाता में फंसा हुआ है। जिससे अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की बड़ी आबादी को कैश के लिए तरसना पड़ रहा है।
क्यों अटका है जहाज़
- नोटबंदी के बाद देश भर में लोगों के सामने कैश की किल्लत बनी हुई है।
- ऐसे में अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
- बता दें कि अंडमान-निकोबार के लिए नई करेंसी ले कर जा रहा जहाज़ एक हफ्ते से कोलकाता में फंसा हुआ है।
- जिससे अंडमान-निकोबार की बड़ी आबादी के सामने कैश की भारी किल्लत खड़ी हो गई है।
- बता दें की नोटबंदी का शिपिंग सेवाओं पर बुरा असर पड़ा है।
- जिसके चलते नई करेंसी नोट को अंडमान-निकोबार पहुंचाना टेढ़ी खीर बना हुआ है।
- बता दें की फॉरवर्ड सीमैन यूनियन के 1000 से ज्यादा सदस्य विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
- इस विरोध का कारण सुरक्षित यात्रा को लेकर नियमों का लगातार उल्लंघन किया जाना है।
- इन सदस्यों का आरोप है कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के दस्तखत करने के बावजूद।
- मरीन लेबर एक्ट पर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के निर्देशों को नहीं माना जा रहा है।
- इसके साथ मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी को भी जहाज के रवाना होने में विलंब के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है।
- फिलहाल रविवार तक जहाज रवाना किया जा सकता है।
- इस जहाज़ को आगे बढ़ने की इजाज़त अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के लोगों के हित को ध्यान में रख कर दी जा रही है।
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