कार्यकर्ता अन्ना हजारे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा एमसीडी चुनाव मतपत्र पत्रों से करवाने की मांग से खुश नहीं हैं.हालांकि केजरीवाल की मांग पहले से ही खारिज कर दी गई है, कई लोगों ने इस बात की आलोचना की है जिसमें हजारे शामिल हैं.
अन्ना हजारे अरविन्द केजरीवाल से खुश नहीं
- एवीएम के ज़रिये चुनावी परिणामों में गलत नतीजे आने का अंदेशा अरविन्द केजरीवाल सहित
- अन्य राजनितिक पार्टियाँ भी कर रही हैं. जिसपर अन्ना हजारे ने नराज़गी जताई है.
- “विश्व तेजी से प्रगति कर रहा है और यहां हम मतपत्र पत्रों के लिए पुराने समय में
- वापस जाने की चर्चा कर रहे हैं,” अन्ना हजारे ने कहा.
- अन्ना ने लोकपाल विधेयक के समर्थन में भारत सरकार के खिलाफ 2011 में
- भूख हड़ताल शुरू की थी. अन्ना हजारे ने बैलेट पेपर के ज़रिये होने वाले चुनावों के बारे में बात की.
बैलट पेपर से होने वाले चुनावों के दुष्परिणाम
- अन्ना हजारे ने बैलटी पेपर के ज़रिये चुनाव करवाने के दुष्परिणाम गिनवाए.
- बैलट पेपर से चुनाव करवाने में बहुत समय लगता है.
- साथ ही वोटों की गिनती करने में भी वक़्त लगता है.
- वोटों की गिनती में गलती होने का ज्यादा अंदेशा है,
- हां, मतदान ईवीएम के जरिए किया जाना है.
- लेकिन वर्तमान मशीनों में कुछ बदलाव करके.
- चुनाव आयोग ने ईवीएम के बजाय कुल मशीनों का उपयोग करना चाहिए
- यदि हम ऐसी मशीनों का प्रयोग शुरू करते हैं, तो कोई भी मतदाता
- प्रक्रिया पर संदेह नहीं कर सकता कुल मिलाकर मशीन की मदद से,
- कोई भी यह नहीं जान पाएगा कि किस क्षेत्र में कितने मत मिले.
- इस तरह लोगों की शिकायतें भी दूर हो पाएंगीं और हमे सकारत्मक नतीजे मिलेंगें.
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