बजट पेश करते हुए अरुण जेटली ने सरकार की योजनायें गिनाते हुए कहा कि इस साल का बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला होगा. वरिष्ठ नागरिकों पर भी ध्यान दिया जायेगा. गुड गवर्नेंस को आधार बनाकर हमारी सरकार काम करती रही है. 7.4 फीसदी विकास दर का अनुमान अगले सत्र में किया जा रहा है. हमारा फोकस गांवों के विकास पर होगा. उज्जवला और सौभाग्य योजना के जरिये बेहतर काम किया जा रहा है.
गरीबों का रखा बजट के जरिये ध्यान
गरीबों के लिए कई मुफ्त सेवाएं शुरू की गई है. सरकारी सेवाओं के लिए जरुरी प्रमाण पत्र ऑनलाइन करने का काम किया जा रहा है. सर्टिफिकेट अटेस्ट कराने की दुविधा को ख़त्म किया जा रहा है और युवाओं की भागदौड़ कम करने का प्रयास है. जिंदगी जीने के तरीके को आसान बनाने का काम किया जा रहा है. अनावश्यक नियमों के जाल को ख़त्म किया जा रहा है. बजट पेश करने के बाद मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी से सम्बंधित बजट पेश किया है.
आर्थिक दृष्टि से कमजोर को अलग से मदद-जेटली
अरुण जेटली ने कहा कि इनकम टैक्स बजट में कोई बदलाव नहीं हुआ है. 11 महीने की जीएसटी इस बार मिली. जीएसटी से सम्बंधित बजट पेश किया है. वित्तीय घाटा नहीं इसका ध्यान रखा. उन्होंने कहा कि खर्च-राजस्व के बीच तालमेल बनाने की कोशिश की है. किसानों को प्राथमिकता बजट के माध्यम से की गई है. आर्थिक दृष्टि से कमजोर को अलग से मदद दी जाएगी.
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मेगा हेल्थ स्कीम पर बोले जेटली
अरुण जेटली ने कहा कि मेगा हेल्थ स्कीम बहुत बड़ी योजना है. 10 करोड़ परिवारों का चयन हुआ. ग्रामीण सड़कों और रेलवे को लेकर योजना बजट में दिखाई देगी. 250 करोड़ की कंपनियों पर 25 फीसदी का टैक्स का प्रावधान है. सारा एमएसएमई सेक्टर इसमें आता है. उन्होंने बताया कि नियर सिटिजन को बजट में राहत दी. सामाजिक सुरक्षा के लिए साधन जुटाने पड़ेंगे. जेटली ने कहा कि गांव और किसानों को मदद करने वाला ये बजट है.