कभी पत्नी का शव, कभी भाई का शव, कभी बेटे का शव…हर आधे साल में देश के अलग-अलग हिस्से से इंसानियत को झकझोरने के साथ व्यवस्था को शर्मसार करने वाली तस्वीर सामने आती है। आज असम की एक जगह से दिल सिहरा देने वाली तस्वीर आई है। जिसमें एक व्यक्ति अपने भाई के शव को साईकिल से ले जा रहा है। भाई का शव और साईकिल न सिर्फ चरमाराई व्यवस्था पर तमाचा मार रही है बल्कि स्वास्थ महकमे की व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गये हैं। हम आपको बताते हैं कि कब-कब असहाय लोगों के साथ चरमराई व्यवस्था भी असहाय दिखाई दी है।
19 अप्रैल 2017, मजुली असम :
- देश और दिल को झकझोरने वाली तस्वीर 19 अप्रैल की सुबह उड़ीसा के मजुली से आई है।
- जहां बालीजान गांव के एक युवक (18) की मौत बीते 18 अप्रैल को गारामुर सिविल अस्पताल में हो गई।
- जिसके बाद व्यक्ति ने भाई ने के शव को साइकिल पर बांध कर गांव में ले गया।
- उनके गांव बालीजान में जाने के लिए सड़क की व्यवस्था ना होने के कारण उसे ऐसा करना पड़ा।
- दिल को सिहरा देने वाली ये घटना मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के विधानसभा क्षेत्र की है।
- घटना सामने आने के बाद जांच कि निर्देश दिये गये।
23 अगस्त 2016, कालाहांडी उड़ीसा :
- 24 अगस्त 2016 को असम से मानवता को शर्मसार करने वाली एक तस्वीर सामने आई।
- यहां एक व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को कंधे पर रखकर 12 किलोमीटर पैदल चलना पड़ा था।
- ओडिशा के कालाहांडी ज़िले के भवानीपटना के जिला अस्पलात की थी।
- जहां दाना माझी अपनी पत्नी के टीबी के ईलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
- ऐसे में अस्पताल ने कथित तौर पर शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया कराने से इनकार कर दिया।
- मामला संज्ञान में आने के बाद उन्हे 20 किमी दूर गांव ले जाने के एंबूलेंस मिला था।
- इस घटना के बाद व्यवस्था पर सवाल उठा और जांच के आदेश दिेये गये।
25 अगस्त 2016, बालासोर उड़ीसा :
- कालाहांडी के दाना मांझी की पत्नी की घटना को सामने आये अभी 24 घंटे भी नही बीते थे।
- कि इसी शहर के बालासोर से एक और शर्मसार करने वाली घटना सामने आई।
- 80 वर्षीय सलमानी बेहड़ा के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए घंटों बाद भी जब मोर्चरी वैन नही आया।
- तो परिजन शव को दो भाग में तोडकर उसकी गठरी बनाकर कंधे पर लादकर स्टेशन ले गये।
27 सितंबर 2017, कटिहार बिहार :
- उड़ीसा के मामले पर देश में बहस हो रही थी कि ऐसे में बिहार से एक तस्वीर झकझोरने वाली आई।
- कटिहार में एक परिवार को प्लास्टिक में लपेट कर बेटे के शव को हाथों से उठा कर ले जाना पड़ा था।
- जिले में बाढ़ आने के कारण बालुटोला के सिंटू साह नामक युवक की नदी में डूबने से मौत हो गयी थी।
- सिंटू का शव परिजनों ने 14 दिनों बाद खोज निकाला।
- स्थानीय थाना ने 25 सितंबर को पोस्टमार्टम के लिए शव को कटिहार सदर अस्पताल भेजा था।
- लेकिन अस्पताल की लापरवाही की वजह से 24 घंटा बीत जाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं किया गया।
- अस्पताल प्रबंधन ने संवेदनहीनता की हदें पार कर शव को ले जाने के लिए वाहन तक भी उपलब्ध नहीं कराया।
- इस गरीब परिवार ने आखिरकार पोस्टमार्टम के लिए खुद से प्लास्टिक के बोरे में बंधे शव को हाथों से टांग कर ले जाना पड़ा।
24 जनवरी 2017, छत्तीसगढ़ :
- ओडिशा के कालाहांडी में शव की घटना के बाद से कई राज्यों से इस तरह की घटना सामने आई।
- 24 जनवरी 2017 को छत्तीसगढ़ में मानवता को शर्मसार कर देने वाली खबर आई।
- यहां एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण एक मरीज को चारपाई पर बांधकर करीब 8 किलोमीट पैदल ले जाना जाना पड़ा।
- लेकिन अस्पताल पहुंचाने के पहले ही रास्ते में ही मरीज ने दम तोड़ दिया।
- ये तो कुछ घटनाएं हैं, और भी कई राज्यों की घटनाएं इसी तरह की हैं, जब देश शर्मसार हुआ है।
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