अगले साल होने विधानसभा चुनावों को लेकर अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है और ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस साल के अंत तक यूपी में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मी बढ़ रही है। दरअसल, यूपी की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी और केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी भी चाहती हैं कि चुनाव दिसंबर 2016 में ही हों।
एक खबर के मुताबिक, केंद्र सरकार नहीं चाहती कि उत्तराखंड और पंजाब के चुनाव परिणामों का असर यूपी में भी दिखे। दिल्ली के चुनावों से उन्होंने सबक सीखा है और वो जानते हैं कि अगर आम चुनावों के बाद दिल्ली में चुनाव करवाते तो दिल्ली में तस्वीर कुछ और ही होती।
सपा, बीएसपी और बीजेपी को आशंका है कि चुनाव आयोग यूपी, उत्तराखंड और पंजाब के चुनाव एक साथ करवा सकता है। अखिलेश यादव सरकार से जुड़े एक सूत्र के अनुसार, उन्हें उम्मीद है कि प्रदेश के चुनाव 2017 में होने की बजाय इस साल दिसंबर में कराये जा सकते है क्योंकि मार्च-अप्रैल के आसपास बोर्ड परीक्षाएं आ जाएंगी, साथ ही तापमान भी ज्यादा रहेगा और ऐसी स्थिति में माना जा रहा है कि चुनाव दिसंबर में कराये जा सकते हैं।
आगे उन्होंने बताया कि सुरक्षा और अन्य इंतजामों को देखते हुए रिसोर्सेज की कमी पड़ेगी। फिर भी समाजवादी पार्टी किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है। अगर चुनाव जल्दी होते हैं तो बीएसपी को मतदाताओं लुभाने और भड़काने के लिए कम वक्त मिलेगा जो कि सपा के नजरिये से महत्वपूर्ण है।