सुप्रीम कोर्ट ने देश में चायनीज मांझे के प्रयोग पर रोक को बरकरार रखा है.कोर्ट ने सख्ती बरतते हुए ये आदेश दिए हैं भारत में कहीं भी चाइनीज़ धागे पतंग उड़ाते समय उपयोग नहीं किये जायेंगें.पतंग उड़ाते समय कांच के माझों ने आज तक कई लोगों की जान ले ली है.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इन धागों पर देश भर में रोक लगा दी थी .
गर्दन कटने से दो लोगों की मौत
- माह अगस्त में राजधानी दिल्ली में इसी चाइनीज़ मांझे ने दो बच्चों की जान ले ली थी.
- एक युवक की भी मांझे से जख्मी होकर हुई थी मौत.
- इससे पहले भी इस तरह के कई वाक्ये घटित हो चुके हैं.
- मान्झों के प्रयोग पर बैन लगाने की मांग काफी वक़्त से चल रही थी.
मुख्य त्योहारों पर पतंग उड़ाने का प्रचलन
- दिवाली होली पन्द्रह अगुस्त पर पतंग उड़ाने का प्रचलन होता है.
- इसी समय में मांझे से होने वाले हादसे बढ़ जाते हैं.
- ट्रैफिक में फसे वाहनों पर सवार लोग इस हादसे के शिकार होते हैं.
मांझे से तीन साल की बच्ची की मौत
- कुछ दिन पहले कार में सवार तीन साल की बच्ची मांझे की शिकार हो गई.
- वो खिड़की से झाँक रही थी उसी वक़्त मांझा लडकी की गर्दन पर वार कर गया.
- ऐसी तमाम घटनाएं है जो अक्सर खबरों में आती रहती हैं.
- सोलह अगस्त को इस सन्दर्भ में ड्राफ्ट दाखिल हुआ था.
- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस पर मुहर लगा दी थी .
- इस मामले पर कड़ा रुख अपनाना बेहद आवश्यक था.
- मकर सक्रांति पर भी पतंग उड़ाने का प्रचलन है.
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया ये फैसला बेहद अहम.