पंजाब नेशनल बैंक में देश का बड़ा बैंकिंग घोटाला हुआ है. ये घोटाला करीब 11500 करोड़ रुपये से ज़्यादा का बताया जा रहा है. पीएनबी ने बुधवार को शेयर बाज़ार को मुंबई स्थित शाखा में इस घोटाले की जनाकारी दी. इस घोटाले में कारोबारी नीरव मोदी का नाम सामने आया है. पीएनबी ने बताया कि कुछ खाताधारकों को लाभ पहुंचाने के लिए लेन-देन की गई. इन लेन-देन के आधार पर ग्राहकों को दूसरे बैंकों ने विदेशों में क़र्ज़ दिए थे. इस खबर के बाद कई बैंकों की नींद खुली और उन्होंने बड़े कर्जदारों को लेकर लिस्ट निकालनी शुरू कर दी. देशभर के 12 बैंकों में जितने फ्रॉड के मामले आये, उन आंकड़ों को देखकर हैरानी होगी कि आखिर इस प्रकार का सिस्टम कैसे चल रहा था और CAG की नजर भी इनपर नहीं पड़ी.
बैंक फ्रॉड के आंकड़ें, देश को अरबों का नुकसान…
बैंकों में फ्रॉड के मामले
- SBI में 2466 फ्रॉड के मामले
- बैंक आफ बड़ौदा में 782 फ्रॉड के मामले
- बैंक आफ इंडिया में 579 फ्रॉड के मामले
- सिंडीकेट बैंक- 552 फ्रॉड के मामले
- सेन्ट्रल बैंक आफ इंडिया में 527 फ्रॉड के मामले
- पीएनबी में 471 फ्रॉड के मामले
- यूनियन बैंक आफ इंडिया में 368 फ्रॉड के मामले
- इंडियन ओवरसीज बैंक में 342 फ्रॉड के मामले
- केनरा बैंक में 327 फ्रॉड के मामले.
- ओरियंटल बैंक आफ कामर्स में 297 फ्रॉड के मामले
- आईडीबीआई में 292 फ्रॉड के मामले
- कारपोरेशन बैंक में 291 फ्रॉड के मामले
- इंडियन बैंक में 261 फ्रॉड के मामले
- यूको बैंक में 231 फ्रॉड के मामले
- यूनिईटेड बैंक आफ इंडिया में 225 फ्रॉड के मामले
- बैंक आफ महाराष्ट्र में 170 फ्रॉड के मामले
- आन्ध्रा बैंक में 160 फ्रॉड के मामले
- इलाहाबाद बैंक में 130 फ्रॉड के मामले
- विजया बैंक में 114 फ्रॉड के मामले
- देना बैंक में 105 फ्रॉड के मामले
पंजाब एंड सिंघ बैंक में 58 फ्रॉड के मामले सामने आ चुके हैं.ये बैंकों में हुये फ्रॉड की लिस्ट है. 2015 से 2017 के दौरान बैंक फ्रॉड की ये सूची साफ तौर पर बतलाती है कि कमोवेश हर बैंक में फ्रॉड हुआ. यानी हर दिन बैंक फ्रॉड के 8 मामले देश में होते रहे. वैसे सरकार की इतनी सफलता जरुर है कि साल दर साल बैंक फ्रॉड में कमी जरुर आयी है. जैसे 2015 में सबसे ज्यादा 3243 बैंक फ्रॉड हुये तो 2016 में 2789 बैंक फ्रॉड के मामले थे. 2017 में 2716 बैंक फ्रॉड के मामले सामने आये.
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कई नीरव मोदी बैंकों की फ्रॉड लिस्ट में
सवाल बैंक से नीरव मोदी, मेहूल चौकसी और माल्या की तर्ज पर कर्ज लेकर ना लौटाने वालों की तादाद की है और अरबों रुपया बैंक का बैलेस शीट से हटाने का है. सरकार भी बैंकिंग प्रणाली के उस चेहरे को स्वीकार चुकी है, जिसमें अरबों रुपये का कर्जदार पैसे ना लौटाये, क्योंकि सिबिल के मुताबिक इससे 1,11,738 करोड का चूना बैंकों को लग चुका है. 9339 कर्जदार ऐसे है जो कर्ज लौटा सकते है पर किसी न किसी वजह से इंकार कर दिया. जब सुप्रीम कोर्ट ने इन डिफाल्टरों का नाम पूछा तो रिजर्व बैंक की तरफ से कहा गया कि जिन्होंने 500 करोड से ज्यादा का कर्ज लिया है और नहीं लौटा रहे हैं, उनके नाम सार्वजनिक करना ठीक नहीं होगा. अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा.
कर्जदारों की संख्या गौर करने लायक?
एसबीआई को सबसे ज्यादा 27716 करोड का चूना लगाने में 1665 कर्जदार शामिल हैं तो वहीँ पीएनबी को 12574 करोड का चूना लगा है और कर्ज लेने वालों की तादाद 1018 है. इसी तर्ज पर बैंक आफ इंडिया को 6104 करोड़ का चूना 314 कर्जदार लगा चुके हैं. बैंक आफ बडौदा को 5342 करोड का चूना 243 कर्जदारों ने लगाया. यूनियन बैंक को 4802 करोड का चूना 779 कर्जदारों ने लगाया. सेन्ट्रल बैंक को 4429 करोड का चूना 666 कर्जदारों ने लगाया. ओरियन्टल बैंक को 4244 करोड का चूना 420 कर्जदारों ने लगाया. यूको बैंक को 4100 करोड का चूना 338 कर्जदारों ने लगाया. आंध्र बैंक को 3927 करोड का चूना 373 कर्जदारों ने लगाया. केनरा बैंक को 3691 करोड का चूना 473 कर्जदारों ने लगाया. आईडीबीआई को 3659 करोड का चूना 83 कर्जदारों ने लगाया और विजया बैंक को 3152 करोड़ का चूना 112 कर्जदारों ने लगाया. ये वो 12 बैंक हैं जिन्होंने जानकारी दी कि 9339 कर्जदार है और वो 1,11,738 करोड नहीं लौटा रहे हैं.