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बस्तर उग्रवाद प्रभावित इलाका है.अक्सर भारतीय सुरक्षा बल इस गाँव में आतंकियों की तलाश में आते हैं. बस्तर की रेडिंग पार्टी में पहली बार किसी महिला ऑफिसर की तैनाती की गयी है.सीआरपीएफ महिला ऑफिसर उषा किरण की बस्तर इलाके में पोस्टिंग है.बस्तर जो एक नक्सली प्रभावित इलाका है .कब्र ज्यादतियों के आरोपों से जूझ रहे सुरक्षा बलों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण पीआर का हिस्सा है!
जाने क्या हैं चुनौतियाँ :
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भारतीय सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर गलत हरकत के लिए सुर्खियों में रहे थे
- दो दिन पहले छपी इस खबर ने पूरे भारत में सनसनी फैला दी थी.
- नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन ने खुद इस मामले पर रिपोर्ट बनाई थी.
- जिसमें साफ़ तौर पर बोला गया था कि सुरक्षा बलों द्वारा 16 आदिवासी लड़कियों से बलात्कार किया गया है.
- घटना स्टेट पुलिस और सीआरपीएफ के जॉइंट ऑपरेशन की है.
- अक्टूबर 2015 में एक ऑपरेशन में इसी गाँव की 16 आदिवासी लड़कियों से बलात्कार किया गया था.
- ऐसी ही तमाम घटनाएं अक्सर इसी इलाके से सुर्खियाँ बटोरती रहती हैं.
असिस्टंट कमांडेंट उषा किरण की तैनाती आकर्षण का केंद्र
- बस्तर में मौजूद डरी सहमी आदिवासी महिलाओं के लिए उषा किसी फ़रिश्ते से कम नहीं हैं.
- बस्तर जिले में पहली बार किसी महिला असिसटेंट कमांडेंट ने कार्यभार संभाला है.
- अपने दादा,पिता और भाई के पथ चिन्हों पर चलते हुए उषा किरण ने सीआरपीएफ ज्वाइन की.
- उषा किरण के दादा और पिता सीआरपीएफ में थे जबकि भाई सीआईएसएफ मे कार्यरत हैं.
- गुडगाँव में रहने वाली उषा किरण ट्रिपल जम्प की राष्ट्रीय चैंपियन हैं.
- ना जाने कितने पदक और मेडल्स उषा किरण के नाम हैं.
बस्तर आना मेरा चुनाव -उषा किरण
- उषा का कहना है बस्तर आना एक बहुत कठिन चुनौती है लेकिन ये चुनाव उनकी स्वेच्छा से था.
- जॉइनिंग के समय पर उन्हें तीन जगहों का विकल्प मिला था.
- बस्तर आने का चुनाव इसलिए किया क्योंकि यह नक्सली प्रभावित इलाका है.
- यहाँ पर कुछ घटनाओं और गरीबी के कारण विकास नहीं हो पाया है.
- इस इलाके में आना एक चुनौती के साथ साथ मेरे लिए प्रेरणा भी है.
- दरभा पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इन चार्ज और अन्य अधिकारी उषा किरण की तैनाती पर गर्व जताते हैं.
- आशा है ऐसी कुछ तैनातियों से बस्तर की तस्वीर जल्द बदलेगी.
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