गणतंत्र दिवस समारोह का समापन तीनों सेनाओं के बैंड के परफार्मेंस के साथ विजय चौक पर आज हो रहा है. इस अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद हैं. थल सेना, जल सेना और वायु सेना के जवानों का परफार्मेंस शुरू हो चुका है और बड़ी संख्या में ‘बीटिंग द रिट्रीट’ सेरेमनी देखने लोग आये हुए हैं.

‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ समाप्त हो रहा गणतंत्र दिवस समारोह

थल सेना के बैंड का संचालन मेजर एस के शर्मा कर रहे हैं. राष्ट्रपति इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि होते हैं. कार्यक्रम में भारती की सैन्य शक्ति, समृद्ध विविधता और सांस्कृतिक विरासत का दिखाया जाता है. समारोह में तीन सेनाओं के बैंड और अर्धसैनिक बल बीएसएफ के जवान मौजूद होते हैं. इस ‘बीटिंग द रिट्रीट’ के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है.

‘बीटिंग द रिट्रीट’ समारोह में पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड की प्रस्तुति मनमोहक रही और लोगों ने इसे खूब सराहा. विजय चौक पर तीनों सेनाओं के बैंड ने अद्भुत प्रस्तुति से सभी का मन मोहने का काम किया. हालाँकि इस परम्परा की शुरुआत 1950 में हुई थी और ये परम्परा आज पुराने दिनों की याद दिलाती है.

ऐसे मनाई जाती है बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी?

तीनों सेनओं के बैंड एक साथ मिलकर धुन बजाते हैं और इसी के साथ बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत हो जाती है. इस दौरान कई लोकप्रिय धुनें बजाई जाती हैं. ड्रमर्स महात्‍मा गांधी की पसंदीदा धुनों में से एक एबाइडिड विद मी बजाते हैं. इसके बाद बैंड मास्‍टर राष्‍ट्रपति के पास जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं. बैंड मार्च वापस जाते समय ‘सारे जहां से अच्‍छा…’ की धुन बजाई जाती है. ठीक शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्‍ट्रीय ध्‍वज तिरंगे को उतार लिया जाता हैं और राष्‍ट्रगान गाया जाता है. इसी के साथ गणतंत्र दिवस समारोह समाप्त हो जाता है.

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें