कहते हैं कि कोई भी पिता अपनी बेटी को किसी परी या राजकुमारी से कम नहीं समझता है. एक पिता अपनी बेटी को खुश रखने का हर संभव प्रयास करता है. साथ ही यह कोशिश भी करता है कि उसके जीवन में किसी तरह की कोई कमी ना हो, जिसके लिए वे दिन रात मेहनत मशक्कत कर अपनी बेटी के लिए हर वह चीज़ खरीदता है जिसपर वह हाथ रख देती है. ऐसा ही एक वाकया हाल ही में सामने आया है जिसमे एक पिता ने अपनी बेटी को एक फ्रॉक दिलाने के लिये दो साल का इंतज़ार किया साथ ही इन सालों में अपना पेट काटकर बचत भी की.
भीख मांगकर चलता है परिवार का गुज़ारा :
- वैसे तो देश में गरीब यूहीं देखने को मिल जायेंगे,
- परंतु इनमे से कुछ गरीब ऐसे होते हैं जो मजबूरी के चलते,
- या फिर शारीरिक अपंगता के कारण भीख मांगने को मजबूर होते हैं.
- इसी क्रम में एमडी कावर हुसैन भी आते हैं जिन्होंने पिता की परिभाषा को एक नए आयाम पर पहुंचा दिया है.
- दरअसल वे अपनी आजीविका भीख मांगकर चलाते हैं, ऐसा इसलिए क्योकि वे शारीरिक रूप से अपांग हैं.
- कुछ समय पहले एक हादसे का शिकार हो जाने के चलते वे सीधा हाथ खो बैठे हैं.
- जिसके बाद उन्हें अपने जीवन यापन के लिए भीख का सहारा लेना पड़ा है.
- परंतु फिर भी इन हालातों में भी उन्होंने हार नहीं मानी है साथ ही अपने परिवार का पूरा ध्यान रखा है.
- बता दें कि इस दौरान उन्होंने अपनी बेटी को कपड़े दिलाने के लिए पूरे दो साल तक एक-एक पाई जोडी है.
- जिसके बाद करीब दो साल के लंबे इंतज़ार के बाद वे अपनी बेटी को एक पीले रंग की फ्रॉक दिला पाए हैं.
- आपको बता दें कि हुसैन के अनुसार वे अपनी बेटी की कर इच्छा का पूरा करना चाहते हैं.
- हुसैन के दो बच्चे हैं जिसमे एक बेटी और एक बेटा है दोनों ही अभी छोटें हैं.
- जिसके चलते उन्हें अपनी आजीविका को चलाने के लिए भीख का सहारा लेना पड़ा है.
- आपको बतबता दें कि पिता-पुत्री में इतना प्यार है कि नन्ही सौम्या अपने पिता को हाथ से खाना खिलाती है.
- साथ ही कहती है कि वह जानती है कि एक हाथ से खाना कितना कठिन होता है.
- जहाँ एक ओर अपनी गरीबी और भूख में भी ख़ुशी ढूंढ लेते हैं.
- वहीँ कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सारी सुविधायें मिलने के बाद भी अपने जीवन से शिकायत करते हैं.
- परंतु यदि आप अपनी इच्छाओं को कम कर अपने जीवन में मिली छोटी-छोटी खुशियों को ढूँढेंगे,
- तो आप से ज्यादा खुश इंसान और कोई नहीं होगा.
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