आरएसएस प्रमुख मोहन भागवात ने कहा है कि भारत में निवास करने वाले सभी व्यक्तियों का डीएनए एक है. आरएसएस प्रमुख ने रायपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा की भारत को जोड़ने वाले भारत के पूर्वज है.सब अलग दिखाई जरुर देते है पर सबके पूर्वज एक ही थे. यह सांइस कहती है.
हम समान पूर्वजों के वंशज है…
संघ प्रमुख ने आगे कहा है हजारो वर्षों पूर्व से अफगानिस्तान से बर्मा तक और तिब्बत की ढलान से श्रीलंका के दक्षिण तक जितना जनसमूह रहता है.उतने जनसमूह का डीएनए यह बता रहा है कि उनके पूर्वज एक ही है.यह बात हम सबको को जोड़ने वाली बात है.आज हम सब एक दूसरे को भूल गए है, सारे रिश्ते नाते भील गए हम सब झगड़ा भी करते है लेकिन वास्तविकता यह है कि हम सब लोग एक ही घर के लोग है, हम समान पूर्वजों के वंशज है.
हम उन पूर्वजों के वंशज है जिन्होंने दुनिया को विज्ञान दिया…
संघ प्रमुख ने कहा दुनिया में विश्व बंधुत्व की बात करने वाला और इसे निभाने वाला दूसरा कोई देश नही है.मात्र भारत ही एक देश है.भागवत ने आगे कहा है हम भारत के है, हम इस संस्कृति को मानने वाले है. हम उन पूर्वजों के वंशज है जिन्होंने दुनिया को विज्ञान दिया. वो भी देश विदेश गए लेकिन किसी को जीतने के लिए नहीं गए. सारी दुनिया पर उपकार किए. हमें फिर से अपने देश को ऐसा बनाना है.
समाज में भेदभाव मतभेद ना हो…
उन्होंने कहा कि यह गौ रक्षा क्यों, ग्राम विकास क्यों, जैविक खेती का आग्रह क्यों कर रहे हैं. क्यों हम चाहते हैं कि बिछड़े हुए वापस घर आ जाएं. क्यों हम चाहते हैं कि समाज में विविधता को लेकर भेदभाव, मतभेद, विषमता न हो.