सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल को बुलाए गए भारत बंद की खबरों के बीच गृह मंत्रालय ने अडवाइज़री जारी कर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि वे किसी भी तरह की हिंसक घटना और अन्य गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ा दें। साथ ही गृह मंत्रालय ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर हिंसा को रोकने के लिए वे तमाम ऐक्शन ले सकते हैं।

10 अप्रैल को भारत बंद के मेसेज हो रहे वायरल:

2 अप्रैल को को दलितों द्वारा बुलाये भारत बंद के बाद से ही सोशल मीडिया पर कुछ समूहों द्वारा सवर्णों के भारत बंद का आवाहन किया ja रहा है.10 अप्रैल को होने वाले इस कथित भारत बंद के मैसज सोशल मीडिया में विस्तार से प्रसारित हो रहे है. भारत बंद के इस मैसेज को सरकार हल्के में नहीं लेना चाह रही है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्‍यों को जारी एडवाइजरी में निर्देश दिया गया है कि कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखें। मंत्रालय ने सभी राज्यों से इसके मद्देनजर सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा है। राज्यों से सभी संवेदनशील जगहों पर गश्त तेज करने को कहा गया है।

इस बंद को लेकर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिये उचित इंतजाम करने को कहा है। साथ ही जरूरत पड़ने पर धारा 144 लगाने के भी निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि अपने इलाके में होने वाली किसी भी हिंसा के लिये जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे।

वहीं  हापुड़ में कल होने वाले भारत बंद के मद्देनजर ऐहतियातन आज शाम 6 बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।  बता दें कि एससी/एसटी एक्ट के विरोध में दलित समुदाय ने दो अप्रैल के भारत बंद बुलाया था। यह बंद कई राज्यों में हिंसक हो गया था। जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी।

इस बंद के बाद सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा था। जिसमें 10 अप्रैल को फिर से भारत बंद करने की अपील की गई थी। साथ ही इस बंद के समर्थन में ओबीसी और सवर्णों को भी साथ आने का अह्वान किया गया है।

दो अप्रैल को दलितों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में मध्य प्रदेश में भारी हिंसा देखने को मिली थी। यहां के तीन जिलों ग्वालियर, मुरैना और भिंड में हुई हिंसा में 8 लोगों को मौत हुई थी। ऐसे में प्रशासन 10 अप्रैल को प्रस्तावित कथित भारत बंद और 14 अप्रैल को डॉ बीआर रामजी आम्बेडकर की जयंती को देखते हुए किसी भी तरह की ढील नहीं बरतना चाह रहा है।

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