पटना: नीतीश सरकार ने गुटखा और पान मसाला पर प्रतिबंध को फिर एक साल के लिए बढ़ा दिया है। 21 मई से एक साल तक प्रदेश में तंबाकू और निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाला को बनाने, बेचने और भंडारण करने पर पाबंदी बढ़ा दी गई है। इसके पहले बिहार में शराब पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था।
इसके पहले खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के मुताबिक बिहार में गुटखा और पान मसाला बनाना, बेचना, एक जगह से दूसरी जगह ले जाना, आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध है।
गुटखा और पान-मसाला पर प्रतिबंध पहले भी था और उसी को नीतीश कुमार ने आगे बढ़ाते हुए इस प्रतिबंध की अवधि को 2017 तक कर दिया है।
नीतीश सरकार ने आदेश दिया है कि बैन के बाद जो कोई भी इसका उल्लंघन करते पाया गया उसके खिलाफ अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। साथ ही नीतीश सरकार ने इस बैन को सफल बनाने के लिए जाँच और छापेमारी में तेजी लाने की बात भी कही।
बता दें कि कैंसर सहित बहुत से बिमारियों का मुख्य कारण गुटखा और पान-मसाला के साथ तम्बाकू है और इसको रोकने या कम कम करके की दिशा में सरकारें और बहुत से सामाजिक संगठन इन हानिकारक उत्पादों के खिलाफ आम जनता को जागरूक करने के लिए अभियान चलाते रहे हैं।