बिहार के लोगों में एक खास प्रकार का भय व्याप्त है. लोग डरे हुए हैं. सन्नाटा पसरा हुआ है. एक ख़ामोशी छायी है. ये यूहीं नहीं है. एक एक आने वाले खतरे को लेकर डर की दास्ताँ बयां कर रही है. बिहार में कई सालों से चले आ रहे आतंक का पर्याय बन चुके शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने की ख़बरें बिहार के लोगों में भय का कारण बन चुका है.
बिहार के सिवान में आतंक का पर्याय बन चुके इस शख्स की जमानत हाई कोर्ट ने दी है. 13 सौ गाड़ियों के काफिले के साथ ये शख्स भागलपुर से सिवान रवाना होगा.
पटना हाईकोर्ट ने हत्या के केस में दी जमानत:
- नितीश कुमार जब 2005 में सत्ता में आये तब से शहाबुद्दीन जेल में था.
- पर अब ऐसा आगे होना मुश्किल लग रहा है.
- नितीश सरकार में लालू का दखल बढ़ने के बाद नजारा कुछ और ही दिखने लगा था.
- हाल ये हो गया कि बिहार के मंत्री जेल जाकर साथ में मिठाइयां खाने लगे.
- शहाबुद्दीन को दिल्ली में अभी हाल ही में कथित तौर पर इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.
- लेकिन इसपर भी सवाल उठे क्योंकि शहाबुद्दीन की हालत ऐसी बिल्कुल नही थी.
- फिर पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के आरोपों में घिरने के बाद उसे सीवान से भागलपुर जेल शिफ्ट किया गया.
- सीवान में दो भाइयों की हत्या के गवाह रहे तीसरे भाई की तेजाब से जलाकर हत्या का आरोप है.
- इसके अलावा अनेकों लुट किडनैपिंग और हत्या के मामले शहाबुद्दीन के नाम पर हैं.
शहाबुद्दीन पहली बार 1990 में निर्दलीय विधायक बना फिर 1996 से 2009 तक लालू की पार्टी से सांसद रहा. अपनी पत्नी को भी राजनीति में उतारा लेकिन वो हार गई. अपने आपराधिक दौर में पहली बार शहाबुद्दीन के यहाँ से ही AK47 बरामद हुई थी. इसके अलावा रात में देखने वाला चश्मा भी बरामद हुआ था.