केंद्र सरकार में भाजपा के 4 साल की सालगिरह 26 मई को हैं. इन 4 सालों में एनडीए की सरकार ने कई बड़े कदम उठाये. कुछ उनकी उपलब्धि बनी तो कुछ से आलोचनाएँ झेलनी पड़ी. 2019 में लोकसभा चुनाव हैं, इससे पहले भारत की जनता केंद्र की मोदी सरकार से कितना जुड़ी है और कितनी अलग हो गयी, यह जानना भी अहम् हैं.
60% वोट शेयर से एनडीए आगे:
-बिहार में इस समय भाजपा और जेडीयू के गठबंधन वाली नीतीश सरकार हैं. बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं जिनमे एनडीए की 32 सीटें हैं.
-भाजपा ने नीतीश कुमार की पार्टी का समर्थन करते हुए गठबंधन किया. जिसका बीजेपी को इन चुनावों में भी फायदा होने के आसार हैं.
-40लोकसभा सीटों वाले बिहार में अगर अभी लोकसभा के लिए वोट डाले जाएं तो एनडीए को फायदा होगा.
-एक सर्वे के मुताबिक़ इस समय एनडीए को 60 फीसदी वोट शेयर मिला हैं, जबकि 2014 में ये आंकड़ा 51% का था. भाजपा को नीतीश के साथ से बिहार में फायदा होगा.
-वहीं सर्वे के मुताबिक़ यूपीए का वोट शेयर 34 फीसदी है. हालाँकि यूपीए का वोट शेयर भी पिछली बार से ज्यादा बड़ा है. 2014 में यूपीए का 25 % वोट शेयर था.
-अन्य दलों के खाते ने 2014 में 21 प्रतिशत का वोट शेयर था जो की इस बार अभी कम है. इस बार अन्य को 6 % वोट शेयर मिला हैं.
-गौरतलब हैं कि 2014 में जेडीयू ने बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ा था लेकिन बीजेपी और जेडीयू साथ हैं. इसका साफ फायदा एनडीए को होता दिख रहा है.
-लालू यादव के जेल जाने से उनके दल को काफी नुकसान हुआ है. लालू की पार्टी आरजेडी को 5% वोट शेयर का नुकसान होता दिख रहा है.