स्कूलों में भगवद्गीता (Bhagavad Gita) की पढ़ाई अनिवार्य किए जाने के लिए निजी विधेयक संसद के अगले सत्र में चर्चा के लिए आ सकता है। इस विधेयक के तहत स्कूलों में गीता नहीं पढ़ाने वाले संस्थानों की मान्यता को रद्द करने का प्रवाधान किया जाएगा।
मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा विधेयक-
- अब स्कूलों में भगवद्गीता पढ़ना अनिवार्य होगा।
- भगवद्गीता को अनिवार्य किए जाने के लिए निजी विधेयक संसद के मॉनसून सत्र में चर्चा के लिए आ सकता है।
- भाजपा सांसद बिधूड़ी की तरफ से पेश किए गए विधेयक में कहा गया कि भगवद्गीता के सुविचार युवा पीढ़ी को उत्तम नागरिक बनाएगी।
- साथ ही उनके सुविचार और उनके व्यक्तित्व को भी निखारेगी।
- भगवद्गीता की आवश्यक पढ़ाई विधेयक-2016 में कहा गया कि हर शैक्षणिक संस्थान को गीता को नौतिक शिक्षा के रूप में पढ़ाना चाहिए।
- विधेयक में यह भी कहा गया है कि यह अंल्पसंख्यक स्कूलों में लागू नहीं होता है।
- विधेयक के प्रावधानों का पालन नहीं करेगा ऐसे स्कूलों की मान्यता खत्म कर दी जाएगी।
- भाजपा सांसद बिधूड़ी ने लोकसभा में मार्च में पेश विधेयक में कहा कि अब समय आ गया है कि गीता की शिक्षा के प्रसार के लिए ईमानदारी से कोशिश की जाये।
- उन्होंने कहा कि यह काफी निंदनीय है कि इस तरह के महाकाव्य की अनदेखी हो रही है।
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