दिल्ली बीजेपी ने विज्ञापन के जरिये अरविन्द केजरीवाल पर हमला बोला है। पीएम की डिग्री मामले और पूर्ण-राज्य के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने वाले दिल्ली के मुख़्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और दिल्ली बीजेपी फिर से आमने-सामने है।
दिल्ली बीजेपी ने विज्ञापन के जरिये केजरीवाल सरकार को चुनौती दी है कि वह ‘जल बोर्ड में हुए टैंकर घोटाले‘ में कार्रवाई करे जिसमें दिल्ली सरकार के ही मंत्री कपिल मिश्रा ने ही मुख्यमंत्री से इस घोटाले के संबंध में FIR दर्ज करने की मांग की है।
इस मामले में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ने दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा को अगस्त 2015 में रिपोर्ट सौंपी थी और अब मुख्यमंत्री केजरीवाल को चुनौती दी है कि इस मामले में कार्रवाई करें। विज्ञापन के जरिये पीएम और केंद्र सरकार को घेरने वाले अरविन्द केजरीवाल को अब दिल्ली बीजेपी उन्हीं के अंदाज में घेरने की कोशिश कर रही है। दिल्ली की राजनीति में इस तरह विज्ञापनों के माध्यम से आरोप लगाना अब आम बात हो गई है।
क्या है मामला:
2012 में जल बोर्ड ने 400 वाटर टैंकर हासिल किए जिन्हें एक निजी कंपनी के ठेकेदार ने सप्लाई किए थे। लेकिन वाटर सप्लाई में कई इलाकों से शिकायतें आनी शुरू हो गईं थी जिसके बाद इस मामले की जाँच के लिए टीम बनाई गई थी।
जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, जल बोर्ड के अधिकारियों और कुछ चुने हुए सदस्यों की भूमिका संदेह के घेरे में है। इस टेंडर को 360.55 करोड़ के घाटे के साथ पास करने का भी आरोप है।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अलावा जल बोर्ड के सदस्यों में मतीन अहमद, जल बोर्ड के सीईओ, वित्त सदस्य, प्रोजेक्ट इंजीनियर, एनआईएसजी (हैदराबाद) का नाम भी है।
बता दें कि जल बोर्ड घोटाला साल 2012 में शीला दीक्षित सरकार के दौरान हुआ था। इसमें टैंकर खरीद में करीब 400 करोड़ रुपये के हेरफेर की बात कही गई है।