अस्सी के दशक में हुआ बोफोर्स तोप सौदा घोटाले का जिन्न एक बार फिर जाग गया है। इस मामले में एक बार राजनीतिक तापमान बढ़ने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। लोक लेखा समिति (पीएसी) के कई सदस्यों ने सीबीआई से अपील की है कि वे एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाए। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने साल 2005 में इस मामले की सुनवाई बंद करने आदेश दे दिया था।
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पीएसी ने की दोबारा सुनवाई की अपील :
- लोक लेखा समिति के 6 सदस्यों ने सीबीआई से दोबारा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अपील की है।
- ये सदस्य हैं-
- PAC की एक उप-समिति के अध्यक्ष BJD नेता भातृहरि माहताब
- बीजेपी नेता निशिकांत दुबे
- रक्षा सचिव संजय मित्रा सहित अन्य हैं।
सदस्यों ने की सीबीआई निदेशक सवाल :
- पीएससी से जुड़े रक्षा मामले की एक उप समिति के सदस्यों ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा से सवाल किया है।
- इसमें पूछा गया है कि साल 2005 में जब दिल्ली हाईकोर्ट ने बोफोर्स की सुनवाई बंद कर दी थी तो जांच एजेंसी सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं पहुंची?
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6 सदस्यीय उप समिति कर रही जांच :
- पीएसी के छह सदस्यीय उप समिति बोफोर्स मामले में साल 1986 में सीएजी की रिपोर्ट के कुछ पहलुओं की जांच कर रही है।
- इसके प्रमुख बीजू जनता दल के सांसद भतृहरि माहताब हैं।
- इसके कई सदस्यों ने कहा है कि सीबीआई को यह मामला फिर से खोलना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट में नई दलील देनी चाहिए।
अस्सी के दशक में आया जबर्दस्त राजनीतिक भूचाल :
- बोफोर्स तोपों की खरीद के लिए दी गई दलाली को लेकर अस्सी के दशक में जबर्दस्त राजनीतिक भूचाल आया था।
- इस कांड के चलते 1989 में राजीव गांधी की सरकार भी गिर गई थी।
- सीबीआई ने 2005 में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का भी मन बना लिया था।
- लेकिन तत्कालीन यूपीए सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी थी।
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