ब्रिक्स सम्मलेन में आतंकवाद का मुद्दा भारत कि तरफ से ज़ोरों से उठाया जा रहा है । चीन ने भी भारत कि इस बात का समर्थन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने की बात कही । भारत चीन के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में दोनों ने आतंकवाद को एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हुए आतंकवाद रोधी कदमों को और मजबूत करने कि बात की साथ ही भारत कि NSG मुद्दे पर भी चीन से बात हुई ।
भारत-चीन द्विपक्षीय वार्ता
- भारत और चीन दोनों देशों ने आतंक वाद को एक गंभीर मुद्दा माना है
- ब्रिक्स सम्मलेन में भारत द्वारा आतंकवाद का मुद्दा उठाये जाने पर
- चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत का समर्थन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ने की बात कही
- भारत ने चीन के साथ द्विपक्षीय वार्ता कि
ये भी पढ़ें :मैं राष्ट्रपति बना तो भारत, US का बेस्ट फ्रेंड बनेगा:डोनाल्ड ट्रंप
- जिसमे दोनों ने आतंकवाद रोधी कदमों को और मजबूत करने और NSG मुद्दे पर बात की
- भारत ने चीन से न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्य़ता कि बात की
- साथ ही पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने कि बात पर भी चीन को मनाने की कोशिश कि.
- गौरतलब है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दुनिया भर से मिले समर्थन के बाद भारत को उम्मीद थी कि चीन भी अपना रुख बदलेगा
- लेकिन भारत को अभी तक चीन से निराशा ही हाथ लगी है
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुई बातचीत
- ब्रिक्स सम्मलेन का असल मुद्दा आर्थिक मुद्दों पर सहयोग को बेहतर करना है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा से भी मुलाकात की।
- जिसमे भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच व्यापार, निवेश बढ़ाने पर बातचीत हुई।
ये भी पढ़ें :केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय बलिया के दौरे पर, घायलों को देखने पहुंचे ‘बीएचयू’!
- पीएम मोदी ने भारत की NSG में सदस्यता का समर्थन करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को धन्यवाद किया।
- प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स संगठन को मजबूत बनाने के लिए दक्षिण अफ्रीका के प्रयासों की सराहना भी की।
- बता दें कि कल रूस और भारत के बीच सुरक्षा को ले कर 16 अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- जिसमे भारत को कोमोव मिलिट्री हेलीकॉप्टर ,एस-400 सिस्टम और न्यूक्लियन एनर्जी जैसे बड़े समझौतों शामिल थे ।
- गौरतलब है कि ब्रिक्स के सदस्य देशों में भारत की 2.38 खरब डॉलर वाले अर्थव्यवस्था में वार्षिक तौर पर 7.5 फीसद की बढ़त हो रही है।ये स्थिति पांचों ब्रिक्स देशों में सबसे तेज है।
ये भी पढ़ें :आखिर क्या है तलाक-ए-बिद्अत यानी तलाक-तलाक-तलाक!
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें
Mohammad Zahid
मैं @uttarpradesh.org का पत्रकार हूँ। तथ्यों को लिखने से मुझे कोई रोक नहीं सकता।नवाबों के शहर लखनऊ का हूँ इसलिए बुलंद आवाज़ भी उठाता हूँ तो बड़े एहतराम से....