LoC की रक्षा करने और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सरहद पर तैनात है बीएसएफ की महिला शक्ति । BSF के पुरुषों जवानों के साथ कंधे से कंधा मिल कर चलती है BSF की ये महिला जवान। जम्मू कश्मीर के अखनूर, अरनिया और आरएस पुरा जैसे संवेदनशील इलाकों में भी तैनात किया गया है इन माहि जवानों को। बुलेटप्रूफ जैकेट और भारी हथियारों के साथ 8-8 घंटे पेट्रोलिंग करती हैं हैं ये महिला जवान।
मीडियम मशीनगन और मोर्टार चलाने में पूरी तरह ट्रेंड है ये महिला शक्ति
- पाकिस्तान के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए बॉर्डर पर तैनात हैं BSF की महिला जवान
- बॉर्डर के रक्षा के लिए पर 90 BSF महिला जवानों के तैनात किया गया है
- BSF की ये महिला शक्ति दुश्मन के हर हमले का माकूल जवाब दे रही हैं।
- बुलेटप्रूफ जैकेट और भारी हथियारों के साथ 8-8 घंटे पेट्रोलिंग करती हैं हैं ये महिला जवान।
- यही नही ये महिला जवान मीडियम मशीनगन और मोर्टार चलने में पूरी तरह ट्रेंड हैं
- सुबह होते हीअपनी 5.56mm इंसास राइफल्स कंधे पर लटकाकर बॉर्डर आउटपोस्ट की ओर बढ़ जाती है ये महिला शक्ति
- कॉन्स्टेबल रबिंदर कौर और अनुबाला भी इन्हीं महिला जवानों में शामिल हैं।
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- रबिंदर ने कहा, ‘हम नई नारी शक्ति हैं। हम लोग भी जवाब देंगे और ऐसा जवाब दें कि वे 100 साल तक याद रखेंगे कि महिला कॉन्स्टेबल की ताकत क्या होती है।’
- जम्मू में 192 किलोमीटर में फैले अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर तैनात हैं ये महिला जवान ।
- बीएसएफ की ज्यादातर महिला सैनिकों की उम्र 23 से 30 साल के बीच है।
- कुछ महिला जवान अपने परिवार के साथ बटालियन हेडक्वॉर्टर में रहती हैं और कुछ के बच्चे पति के साथ रहते हैं।
- ज्यादातर महिला जवान कहती हैं कि बीएसएफ की नौकरी में आने की वजह से घरवाले उन पर गर्व करते हैं
- यहां तक कि गांव के पुरुष भी उनकी तारीफ करते हैं।
- सांबा में तैनात कॉन्स्टेबल लक्ष्मी कहती हैं,’हम किसी भी तरह के ऐक्शन के लिए तैयार हैं।’
- छह से आठ घंटे तक वॉच टावर के अंदर भारी रायफल्स के साथ खड़ी रहने वाली ये महिला जवान
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