वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम बजट में राजनीतिक चंदे पर बड़ा चोट किया है. जिसके तहत उन्होंने ऐलान किया कि अब सभी राजनीतिक पार्टियां एक व्यक्ति से कैश में सिर्फ 2000 रुपये तक ही ले सकती हैं. जिसके बाद 2000 से ज्यादा लिया जाने वाले चंदे का हिसाब सरकार को देना होगा, यानी राजनीतिक दल 2000 से अधिक चंदा ऑनलाइन या चेक के तौर पर ही ले सकते हैं. इसके अलावा सरकार ने देश में अब 3 लाख से अधिक के लेन-देन को डिजिटल रूप में करने का प्रावधान बना दिया है.
राजनैतिक पार्टियों के लिए कैसी है बजट की रूपरेखा :
- सरकार द्वारा सभी राजनैतिक पार्टियों के लिए चंदे की सीमा निर्धारित कर दी गयी है.
- जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति वे पार्टी केवल 2000 रूपये ही चंदा ले सकेगी.
- साथ ही 2000 से अधिक के लेन-देन पर पार्टियों को इसका ब्यौरा सरकार को देना होगा.
- दरअसल पहले पार्टियों को 20,000 तक का चंदा नकद लेने की छूट थी.
- जिसे अब घटाकर 2000 कर दिया गया है, यानी अब 2000 से ऊपर के लेनदेन को डिजिटल रूप में देना होगा.
- हाल ही में आई ADR रिपोर्ट के तहत राजनीतिक दलों की कुल घोषित आय 11,367.34 करोड़ बताई गई थी.
- जिसमें से 7,832.98 करोड़ रुपये की आय का जरिया अघोषित था.
- यानी यह 20 हजार रुपये के कम के चंदे बताए गए थे,
- जिनका रिकॉर्ड रखना या बताना उनके लिए ज़रूरी नहीं था.