मोदी सरकार ने आने वाले 2019 चुनाव के लिए भले ही अपनी कमर कसनी शुरू कर दी है. वहीँ आम बजट 2018 मौजूदा सरकार का आखिरी फुल बजट होगा और इस बजट से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी काफी उम्मीदें भी हैं. जिसको लेकर यहाँ रहने वाले छोटे बड़े सभी कारोबारी टैक्स में छूट लेकर प्रोत्साहन स्कीम चाहते हैं. इसके साथ ही साथ यहाँ के सभी कारोबारी नए लागू हुए GST सिस्टम में एक सरल रूप चाहते हैं. इसीलिए वाराणसी में कारोबारियों की बदहाल हालत को देखते हुए अगर बजट में इन अहम् मुद्दों पर ठोस ऐलान होता है, तो यहाँ इन्हें बड़े फायदे मिल सकते हैं.
स्किल डेवलपमेंट पर काम होना चाहिए:
आपको बता दें कि बनारस बुनकर समिति की ओर से भी बजट 2018 में बुनकरों के हित के लिए कदम उठाए जाने की बात हुई हैं.
ऐसे में बनारस बुनकर समिति के हेड और ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन, वाराणसी के डायरेक्टर/जनरल सेक्रेटरी डॉ. रजनीकांत के मुताबिक सरकार को बुनकरों के हित को ध्यान में रखते हुए कुछ मुद्दों पर गौर करने की जरूरत है.
“पहला यह कि सरकार की स्किल डेवलपमेंट स्कीम के तहत बुनकरों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है”.
“इसलिए सरकार को चाहिए कि बजट में बुनकरों के स्किल डेवलपमेंट की दिशा में भी एलोकेशन किया जाए”.
“इसके साथ ही महिला बुनकर व शिल्पियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए स्पेशल एलोकेशन हो”.
“इससे महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे”.
“टैक्स छूट बढ़ने से छोटे कारोबारियों को होगा फायदा”.
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बुनकरों को मिले सस्ता लोन स्कीम:
आपको बता दें कि वाराणसी में बुनकरों की संख्या बहुत ज्यादा है और ऐसे में बुनकर का व्यापार वहां सबसे ज्यादा है.
“जेनरल सेक्रेटरी डॉ. रजनीकांत के मुताबिक “बुनकरों को प्रॉडक्ट तैयार करने के लिए कच्चा माल खरीदना होता है”.
“इसके लिए बजट में सस्ते लोन का प्रावधान किया जाए”.
“उदाहरण के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत बुनकरों व शिल्पियों के लिए सस्ते लोन को लेकर अलग से बजट का प्रावधान किया जाए”.
“इसके अलावा नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर बुनकर मार्केट से जुड़ सकें”.
“इसके लिए बजट का प्रावधान हो ताकि बुनकरों के प्रॉडक्ट्स लोगों तक पहुंच सकें और ग्राहकों में असली व नकली हैंडलूम प्रॉडक्ट की पहचान को लेकर जागरुकता फैलाई जा सके”.