2017 में ये पहली बार हो सकता है जब 1924 से अब तक अलग पेश हो रहे रेल बजट को आम बजट में ही मिला दिया जाएगा. आधिकारिक सूत्रों की मानें तो कैबिनेट में रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाएगी. इस मंजूरी के बाद सुरेश प्रभु भारत के आखिरी रेल मंत्री हो सकते हैं.
बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में लग सकती है मुहर:
- रेल बजट को समाप्त करने को लेकर अंतिम मुहर कैबिनेट बैठक में लग सकती है.
- ऐसा होने पर अब रेल बजट अलग से पेश नहीं किया जायेगा.
- इसको आम बजट के साथ ही पेश किया जायेगा.
- इस प्रस्ताव पर सुरेश प्रभु ने अपनी सहमति दे दी है.
- नीति आयोग की बैठक में इसपर विस्तृत चर्चा पहले भी हो चुकी है.
- इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद वित्त मंत्रालय ही रेल बजट को मंजूरी देगा.
- लेकिन अभी इनके विभागों का बंटवारा होना बाकी है.
- इसके बारे में अभी फैसला नही हो पाया है.
- रेलवे को वित्त मंत्रालय से मिलने वाले ग्रॉस बजटरी सपोर्ट और किराया तय करने का अधिकार जैसे मुद्दे अभी बाकी हैं.
- इसके अलावा पेंशन की देनदारी, डिवीडेंड पर भी फैसला होना बाकी है.
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रेल किराया तय करने का अधिकार चाहता है रेल मंत्रालय:
कुछ मसलों पर अभी पूरी तरह सहमति नही बन पायी है.
- रेल मंत्रालय चाहता है कि रेल किराया और माल भाड़ा तय करने का अधिकार उसके पास रहे.
- इसके साथ ही वो बाजार से पैसे उठाने का अधिकार भी चाहता है.
- आम बजट में विलय के बाद रेलवे के अधिकारों में कटौती नहीं चाहता है मंत्रालय.
- हालाँकि बजट के विलय के बाद रेलवे के परिचालन संबंधी अधिकारों में कोई कटौती आने की संभावना कम ही है.