कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में होने वाले पंचायती चुनाव को रद्द करते हुए राज्य चुनाव आयोग को नई तारीखों का ऐलान करने का आदेश दिया है. इसी के साथ नामांकन की भी नई तारीख घोषित करने को कहा है. कोर्ट ने राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर विपक्षी दलों द्वारा लगाये गये आरोप के बाद यह निर्णय लिया.
चुनाव और नामांकन की तारीखें बदलने का EC को मिला आदेश:
कोलकाता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस को तगड़ा झटका देते हुए राज्य चुनाव आयोग को बंगाल में होने वाले पंचायती चुनाव की तारीखों में फेरबदल करने को कहा है. साथ ही आयोग को निर्देश भी दिया कि नई तारीखों के साथ-साथ नामांकन प्रक्रिया की तारीख भी बढ़ाई जाए.
कोर्ट ने चुनाव आयोग के पंचायत चुनाव के फैसले को रद्द कर दिया है. उसने कहा कि आयोग चुनाव की नई तारीखों का ऐलान करे, साथ ही नामांकन प्रक्रिया को लेकर नई अधिसूचना जारी की जाए. पंचायत चुनाव अब नई तारीखों के आधार पर आयोजित कराए जाएं.
हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को इसके लिए राज्य सरकार की भी सलाह लेने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले राज्य चुनाव आयोग ने पहले नामांकन पत्र दाखिल करने की डेट बढ़ा दी थी लेकिन खुद अपने ही आदेश को वापस भी ले लिया था। इस आदेश पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को अंतरिम रोक लगा दी थी। अब हाई कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को कहा है कि वह नामांकन की नई तारीखों का ऐलान करे।
हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि अब तक भरे गए सभी नामांकन वैध होंगे। चुनाव आयोग द्वारा नामांकन पत्र दाखिल करने की अवधि बढ़ाने के आदेश को रद्द किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रताप बंदोपाध्याय ने हाई कोर्ट का रुख किया था। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। पश्चिम बंगाल में 1, 3 और 5 मई को तीन चरणों में पंचायत चुनाव कराए जाने थे।
मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की जज सुब्रता तालुकदार ने तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी से सवाल पूछा कि चुनाव आयोग नामांकन की तारीख फिर बदल क्यों नहीं सकता है जबकि 9 अप्रैल को एक बार बदला जा चुका है। अब जबकि नामांकन की तारीखें बदली जाएंगी तो चुनाव की तारीखें भी बदलनी ही पड़ेंगी क्योंकि नामांकन और चुनाव के बीच में कम से कम 21 दिनों का अंतर जरूरी है।