पीएम मोदी ने विमुद्रीकरण के बाद देश की जनता से कैशलेस सिस्टम को अपनाने की अपील की है. इसके तहत सरकार ने कुछ दिनों पहले 2000 रु तक के कैशलेस ट्रांजेक्शन पर छूट देने की घोषणा भी की. पीएम मोदी का मानना है कि कैशलेस ट्रांजेक्शन के बाद कालाबाजारी कम होगी. इसके अलावा पारदर्शिता आयेगी.
पीएम मोदी ने देश की जनता से अपील की और कहा कि 50 दिनों तक थोड़ी सी दिक्कत झेल लीजिये, इसके बाद चीजें आसान हो जाएँगी. जैसा पहले चल रहा था सबकुछ वैसा ही चलेगा. यानी लोगों को होने वाली परेशानियों से मुक्ति मिल जाएगी. एक महीना हो चुका है नोटबंदी के बाद लेकिन RBI बैंकों में पर्याप्त कैश उपलब्ध करा पाने में कामयाब नहीं हो पाया है.
कैशलेस बैंक से कैश’लेस’ जनता तक की कहानी:
- घोषणा के शुरुआती दिनों में लगभग रोज ही सरकार नए नियमों को लागू करती रही.
- पैसे निकालने और जमा करने से लेकर पुराने नोटों को बदलने की लिमिट में बदलाव किया जाता रहा.
- एटीएम और बैंकों के बाहर लम्बी लाइन लग चुकी थी.
- लोग रात-रात भर खड़े होकर सुबह बैंक खुलने का इंतजार करते रहे.
- एटीएम में कैश लोड किये जाने का इंतजार करते रहे.
- एक महीना गुजर जाने के बाद भी कमोवेश स्थिति अभी भी वही है.
- पुराने नोटों को बदलने पर बैंकों में पाबन्दी लगा दी गई.
- पोस्ट ऑफिस में भी नोट बदलने का काम बंद हो चुका है.
- अब जनता केवल बैंकों में अपने पुराने नोटों को जमाकर नए नोट के रूप में पैसे निकाल सकती है.
- लेकिन समस्या यहीं खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.
- दरअसल समस्या यहाँ अब विकट रूप लेती दिखाई दे रही है.
- एक महीने बाद भी बैंकों में पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है.
- निर्धारित 24 हजार रु निकालने की लिमिट तक में पैसे देने की स्थिति में बैंक नहीं हैं.
- एटीएम में कैश नहीं होता है.
- घंटों लाइन में लगने के बाद भी लोगों को जरुरत के लिए पैसे निकालने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
- वित्त मंत्री अरुण जेटली तक ने स्वीकार कर लिया है कि नोटों की कमी हुई है.
- सरकार ने नोटबंदी के फैसले के बाद दावा किया है कि कालाधन रखने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी.
- कुछ दिनों तक परेशानी होगी, जनता भी इसे झेल रही थी.
- लेकिन अब भी परेशानी लगभग वैसी की वैसी ही है.
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तीन दिनों तक बैंकों के बंद रहने की खबर से मची अफरा-तफरी:
- शनिवार, रविवार और सोमवार को बैंकों का अवकाश है.
- ये खबर जनता के लिए परेशानी बढ़ा रही है.
- पहले ही बैंक और एटीएम से उनके जरुरत के लिए पैसे नहीं मिल पाए हैं.
- इसके अलावा बैंकों की छुट्टी के बाद लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई है.
- एटीएम के बाहर लम्बी लाइन दिखाई दे रही है.
- लोगों का कहना है कि एटीएम में कैश खत्म होने के बाद उन्हें मंगलवार तक इंतजार करना होगा.
- ऐसे में उनके कई जरुरी काम रुक जायेंगे.
- कई जगह पर लोगों के सब्र का बांध टूटते हुए देखा गया है.
- नोटबंदी की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए अब कैश के लिये और इंतजार करना दूभर हो रहा है.
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नोटबंदी के कितने फायदे होंगे, ये तो आने वाले समय में मालूम होगा लेकिन लोगों का कहना है कि सरकार को नए नोटों का इंतजाम पहले ही करना चाहिए था. एक महीने के बाद भी अगर सरकार सरकार बैंकों में पैसे पहुंचा पाने में असमर्थ है तो इसके लिए सरकार की नीतियाँ जिम्मेदार हैं. नए नोटों के चलन में पूरी तरह से ना आ पाने के कारण लोगों की छोटी-छोटी जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रहीं हैं. भारतीय उपभोक्ताओं का एक बड़ा वर्ग इन्टरनेट बैंकिंग और ऑनलाइन मार्केटिंग जैसी सुविधाओं के इस्तेमाल से झिझकता है. ऐसे में कैशलेस सिस्टम को अपनाने की सरकार की अपील इतनी कारगर होती नहीं दिख रही है. बैंकों और एटीएम में कैश ना होने के कारण जनता कैश’लेस’ जीवन जीने को मजबूर है.