नोटबंदी के बाद सरकार देश भर में प्लास्टिक मनी ,डिजिटल ट्रांजेक्शन और कैशफ्री होने के लिए बढ़ावा दे रही है। सरकार की इस योजना की पहल देश भर में शुरू हो चुकी है। पेट्रोल पंप , इंश्योरेंस सेक्टर , रेल टिकट की खरीद के बाद अब स्कूलों में जमा की जाने वाली बच्चों की फीस भी अब कैशलेस करने के लिए तैयारी की जा रही है। बता दें की सीबीएसई बोर्ड के अंतर्गत आने वाले सभी स्कूलों को फीस ई पेमेंट द्वारा लेने की हिदायत दी गई है। बोर्ड द्वारा देश भर के स्कूलों को इस मंशा में चिट्ठी लिखी गई है।
सीबीएसई के सेक्रेटरी जोसेफ इमेनुअल द्वारा जारी की गई ये चिट्ठी
- सरकार द्वारा देश भर में डिजिटल ट्रांजेक्शन और कैशफ्री होने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।
- सीबीएसई बोर्ड ने सरकार द्वारा दिए जा रहे इस बढ़ावे का समर्थन किया है।
- बता दें कि सीबीएसई के सेक्रेटरी जोसेफ इमेनुअल की तरफ से सभी स्कूलों को एक चिट्ठी जारी की गई है
- इस चिट्ठी में साफ़ लिखा है कि “चूकिं ज्यादातर स्कूल हर तीन महीने में छात्रों से फीस लेते है,
- अगली तिमाही में जनवरी महीने में फीस अभिभावकों को भरना है,
- इसलिए स्कूल जल्द से जल्द नो कैश सिस्टम अपने यहां लागू कर लें।”
- यही नही अपने पत्र में सीबीएसई ने शिक्षकों की सैलरी भी बैंक से ट्रांसफर करने को कहा है।
- इसके आलावा परीक्षा शुल्क, एफिलिएशन फीस या किसी अन्य तरह की फीस भी ई पेमेंट से लेने को कहा गया है।
- गौरतलब है की सीबीएसई देश की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी माधयमिक शिक्षा से जुड़ी बोर्ड है।
- देश भर में सीबीएसई के अधीन 17 हजार 5 सौ से ज्यादा स्कूल आते है।
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