नोट बंदी के खिलाफ विपक्ष के सभी दलों ने एक साथ मोदी सरकार पर हल्ला बोला है । ऐसे में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाते हुए नोटबंदी के मामले पर हलफनामा दायर किया है । हलफनामा दाखिल करते हुए केंद्र सरकार ने अपने बचाव में कहा की नोट बंदी के इस कदम से 70 साल के ब्लैक मनी के बोझ को सरकार ने खत्म करने का प्रयास किया है। मोदी सरकार ने नोट बंदी पर कहा कि ये काले धन को बाहर निकलने का एक प्रयास है।
हलफनामे में केंद्र सरकार ने जीडीपी का हवाला भी दिया
- मोदी सरकार ने इस हलफनामे में जीडीपी के मुद्दे को भी उठाया है।
- केंद्र का कहना है कि “दुनिया में जीडीपी का महज 4 प्रतिशत कैश ट्रांजैक्शन होता है,
- लेकिब हमारे देश में ये जीडीपी का 12 प्रतिशत है,
- ऐसे में नोटबंदी का कदम ज्यादा कैश ट्रांजैक्शन को खत्म कर,
- उसको डिजिटल करने के लिए उठाया गया है।”
किसानो की समस्या पर विपक्ष द्वारा उठाये गये सवालों पर भी इस हलफनामे में दी गई सफाई
- विपक्ष द्वारा लगातार उठाये जा रहे सवालों का भी केंद्र सरकार ने इस हलफनामे में जवाब दिया है।
- सभी विपक्षी दलों ने किसानों को हो रही समस्या पर सवाल उठाये थे।
- जिसके जवाब में केंद्र ने कहा कि रोजाना स्थिति की मॉनिटरिंग हो रही है।
- सरकार द्वारा हर स्थिति का आकलन करते हुए समय-समय पर लोगों को राहत भी दी जा रही हैं।
- केंद्र ने बताया कि किसानों को बीज आदि खरीदने के लिए पुराने नोटों के इस्तेमाल की छूट दी गई है।
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