हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा कैशलेस ट्रांसएक्शन को बढ़ावा देने हेतु एक फैसला लिया गया है. जिसके अनुसार आपको महंगा पड़ सकता है नकद भुगतान. माना जा रहा है की आने वाले दिनों में नकदी में सामान खरीदने के लिए आपको अतिरिक्त पैसा देना पड़े.
नगद भुगतान पर लगेगा सेस :
- हाल ही में केंद्र सरकार ने डिजिटल को बढ़ावा देने के लिए एक अहम निर्णय लिया है.
- जिसके तहत सरकार भविष्य में नकद भुगतना को महंगा कर सकती है.
- माना जा रहा है की कैश में होनेवाले लेनदेन पर कुछ सेस लगाकर सरकार ऐसा कर सकती है.
- सरकार द्वारा बनाई गई रतन वट्टल कमेटी ने कैश के जरिए लेनदेन पर चार्ज लगाने की बात कही थी.
- लोग डिजिटल माध्यम से खर्च करने में इसलिए भी हिचकिचाते हैं, क्योंकि उसके लिए अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ता है.
- इसी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने खास प्रोत्साहनों का एलान किया है.
- IMPS और यूनीफाईड पेमेंट इंटरफेस(UPI) के जरिए 1000 रुपये तक के लेन-देन पर कोई चार्ज नहीं लगेगा.
- आम तौर पर एक हजार रुपये के लेन-देन पर 5 रुपए चार्ज लगता है.
- आपको बता दें की यह सुविधा 1 जनवरी से 31 मार्च तक के लिए होगी.
- IMPS एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में तुरंत पैसा ट्रांसफर करने की सुविधा देता है.
- एक ही बैंक के दो खाताधारकों के बीच या एक बैंक से दूसरे बैंक के खाताधारकों के बीच इस सुविधा का इस्तेमाल किया जा सकता है.
- रिजर्व बैंक ने डेबिट कार्ड पर सर्विस चार्ज यानी यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट की दरों का ऐलान किया है.
- जिसके तहत नयी दरें 1 जनवरी से 31 मार्च तक के लिए लागू होंगी.
- नयी दरों के तहत डेबिट कार्ड पर 1000 रुपए के लेन-देन पर 0.25 फीसदी यानी ज्यादा से ज्यादा ढ़ाई रुपये का सर्विस चार्ज लगेगा.
- वहीं एक 1000-2000 तक के लेन-देन पर सर्विस चार्ज 5 रुपए होगा.
- दो हजार रुपए से ऊपर के लिए पहले की तरह की व्यवस्था होगी.