भारत और पाकिस्तान की सीमा रेखा एलओसी पर आये दिन आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ के मामले आम बात है। हाल ही में कुछ आतंकवादियों ने एलओसी में घुसपैठ कर पठानकोट एयरबेस हमले को अंजाम दिया था। केंद्र सरकार द्वारा इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों और घुसपैठ के मामलों को रोकने के लिए एक अहम् फैसला किया गया है।
एलओसी होगी और सुरक्षित:
- पाकिस्तान से लगी हमारे देश की सीमा 2900 किलोमीटर लम्बी है।
- जिस पर आये दिन घुसपैठ की ख़बरें आम हैं, जिस लिए केंद्र सरकार ने एलओसी की सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए नए सुरक्षा इंतजाम किये हैं।
- इन सुरक्षा इंतजामों के बाद घुसपैठ की वारदातों को काफी हद तक कम किया जा सकेगा।
- केंद्र सरकार द्वारा एलओसी पर सीसीटीवी कैमरा थर्मल इमेज, नाईट विज़न डिवाइसेस, बैटलफील्ड सर्विलांस राडार, अंडरग्राउंड मॉनिटरिंग सेन्सर्स, और लेज़र बैरियर्स जैसे उपकरणों को तैनात किया जायेगा।
- यह सभी उपकरण दूसरी ओर से होने वाले सभी गतिविधियों पर नज़र रखेंगे।
- सभी उपकरणों के एकीकृत होने के कारण यदि किसी एक उपकरण से किसी प्रकार की गतिविधि छूट जाती हैं, तो दूसरा उपकरण कण्ट्रोल रूम को सूचित कर देगा।
- लेज़र बैरियर्स को जम्मू-कश्मीर और गुजरात से जुड़े पहाड़ी इलाकों और नदियों के किनारे लगाया जायेगा, जहाँ से घुसपैठ की सबसे ज्यादा वारदातें होती हैं।
- इस प्रोग्राम को सीआईबीएमएस नाम दिया गया है।
- इस योजना पर केंद्र सरकार को 1 किलोमीटर पर 1 करोड़ का खर्चा आएगा।
- दो साल के भीतर ही केंद्र सरकार पूरे एलओसी को टेक्नोलॉजिकल सर्विलांस के तहत सुरक्षित कर देगी।
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