छत्तीसगढ़ पुलिस की एक मामूली कांस्टेबल . लेकिन फेसबुक पर 7 लाख से भी ज्यादा फ़ॉलोवर्स. स्मिता टंडी की फेसबुक मुहिम इस तरह हज़ारों टूटी जिंदगियों को दे रही हैं सहारा.Uttarpradesh.org सलाम करता है इस जज्बे को.
जिंदगी का एक दर्द कर रही जिंदगियां रोशन
- 719,640- एक आम लड़की के इस तादाद में फ़ॉलोवर्स होना आश्चर्य वाली बात है.
- ये फैन फोल्लोविंग स्मिता ने केवल 20 महीने में हासिल की है.
- स्मिता ने फ़ॉलोवर्स के लिए कोई पैसे नहीं दिए हैं.
- लोग अपने आप इन्हें फॉलो कर रहें है आखिर क्यों ?
- ट्रेनिंग के दौरान पैसों के अभाव में स्मिता ने पिता को खो दिया था.
- साल 2014 में फेसबुक पर इस संधर्भ में छेड़ी फेसबुक मुहिम से लाखों लोगों का दिल जीत लिया है.
- पिता को दम तोड़ते देख स्मिता ने प्रतिज्ञा ली थी ऐसे ही परिवारों की वो मदद करेंगी.
- जिन परिवारों में इलाज करने के लिए पैसे नहीं होते स्मिता उन तक पहुँचती हैं.
- पहले मामले की सच्चाई को परखती हैं उसके बाद ही करती हैं मदद.
- स्मिता की फेसबुक टाइम लाइन तस्वीरों सहित हजारों लोगों का दर्द बयाँ करती है.
फेसबुक के ज़रिये इकठ्ठा की गई क्राउड फंडिंग पहुँचती है पीड़ितों तक
- परिवार सहित दुर्ग के एक किराये के मकान में रहती हैं स्मिता टंडी.
- अगर पीड़ित रायपुर या भिलाई के पास रहता है तो स्मिता खुद जाती है मिलने.
- अब तक ऐसे 25 लोगों के अस्पताल का बिल इस फंडिंग के ज़रिये भर चुकी हैं.
इलाज के लिए मोहताज ना जाने कितने लोगों की कर चुकी हैं मदद
- इस मुहिम के ज़रिये इलाज पाने वालों की कोई गिनती नहीं है.
- जब भी कोई ऐसा मामला आता है तो स्मिता फेसबुक पर पोस्ट कर देती हैं खबर .
- इस सच्चाई को लोगों ने इस तरह सराहा है की बड़ी तादाद में आ रही है स्मिता के लिए मदद.
ऑटो ड्राईवर की बेटी का कैंसर इलाज हुआ मुमकिन
- भिलाई में रहने वाले दिनेश प्रताप सिंह की तेरह वर्षीय बेई को कैंसर था.
- पैसों के अभाव में सही इलाज मोहैया नहीं हो पा रहा था.
- स्मिता ने खुद पहुंचकर फेसबुक के ज़रिये करवाया पैसों का इंतजाम.
- दिल्ली में इलाज के बाद लड़की पहले से काफी बेहतर है.
- छत्तीसगढ़ के पुलिस अधिकारियों को इस मुहिम की सूचना मिलने पर
- स्मिता की पोस्टिंग भिलाई के सोशल मीडिया वीमेन हेल्पलाइन में कर दी गई.
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