Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
India

छत्तीसगढ़ पत्थलगड़ी आन्दोलन: बंधक बने 15 पुलिसकर्मी हुए आजाद

छतीसगढ़ के जशपुर जिले के बुटंगा-बछराव गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों द्वारा बंधक बनाए गए चार अधिकारी और 15 पुलिसकर्मियों को छुड़ा लिया गया है। बता दे कि आक्रोशित ग्रामीणों ने एसडीएम बघेल सहित बगीचा के एसडीओपी पदम सिंह तंवर, कुनकुरी की महिला एसडीओपी उमेझा खातून, थाना प्रभारी राजेश मढ़ई सहित 15 पुलिसकर्मी को बंधक बना लिया था.

SDM, SDOP सहित 15 पुलिसकर्मियों को ग्रामीणों ने बनाया था बंधक:

छत्तीसगढ़ के बुटंगा गांव में पत्थरगड़ी तोड़े जाने के बाद ग्रामीणों के आक्रोश से पुलिस और प्रशासन सकते में है. बीते दिन आक्रोशित ग्रामीणों ने एडिशनल एसपी उनैजा खातून,एसडीओपी पद्मश्री तंवर, बगीचा एसडीएम हितेश बघेल को बंधक बना लिया था. इन अधिकारियों को पुलिस ने रिहा करा लिया है. हालाँकि अधिकारियों ने यह माने से इनकार किया कि उनको बंधक बनाया गया था. उन्होंने कहा कि वे ग्रामीणों को समझाने के लिए गाँव में रुके थे.

chhattisgarh patthalgadi protect in jashpur officers-are-released

एसपी प्रशांत ठाकुर ने बताया कि फिलहाल हालात काबू में है. फिलहाल इस गाँव में स्थिति प्रशासनिक नियंत्रण में है. अधिकारियों के बंधक बनाए जाने की खबरों के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आ गई और स्थिति पर कलेक्टर और सरगुजा आईजी के निर्देश पर एसपी ने बंधक अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को रिहा कराने का कदम उठाया. ऐहतियातन आसपास के दूसरे जिलों से भी पुलिस बल को बुलाया गया.

क्या है मामला:

18 अप्रैल को ही जशपुर जिले को नक्सल मुक्त घोषित किया गया था। महज चार दिन के भीतर ही आदिवासियों ने जिले के तीन गांव बच्छरांव, सिहारडांड और बटुंगा में खुद की सत्ता वाले पत्थर लगा दिए हैं। प्रशासन और बाहरी लोगों के आने पर रोक लगा दी है।

लोगों ने बताया कि उनकी लड़ाई हक, रोजगार और शोषण के खिलाफ है। ग्रामीणों के मुताबिक़ उनकी सरकार से कोई लड़ाई नहीं है। पर जिसे गाँव आना है, उसे ग्रामीणों की इजाजत लेनी पड़ेगी. गाँव में ग्रामसभा ही सर्वोच्च होगी. सब वही तय करेगी, कोई और नहीं।

ऐसे में भाजपा की ओर से सद्भावना यात्रा का आयोजन शनिवार को किया गया था। मामला तब बिगड़ गया जब एक महिला नेत्री ने मंच से एलान किया कि हम ये पत्थलगड़ी तोड़ेंगे। इसके बाद यात्रा में शामिल लोगों ने पत्थलगड़ी को तोड़ना शुरू कर दिया। इसके विरोध में ग्रामीण आ गए। विरोध तनाव और बहस के बाद बड़े हंगामे में बदल गया।

इस दौरान नेता और सद्भावना यात्रा में शामिल लोग तो निकल गए, लेकिन चार अधिकारी और 15 पुलिसकर्मी फंस गए। शुरुआत में ग्रामीणों ने यह आग्रह कर रोक लिया कि, उनके पत्थलगढी को तोड़ा गया है वे तोड़ने वालो के खिलाफ कार्यवाही का आवेदन ले लें। इस बीच कुछ लोगों के स्वर आक्रोश में बदल गए कि जब पत्थलगड़ी तोड़ा गया, तो तोड़ने वालों को क्यों नहीं रोका गया।

जाने क्या है पीएम मोदी की समर इंटर्नशिप, 15 मई तक करें आवेदन

Related posts

BMC चुनाव : कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए दिया इस्तीफ़ा!

Vasundhra
8 years ago

चीन की बौखलाहट, कहा कश्मीर में तीसरा देश कर सकता है एंट्री!

Deepti Chaurasia
7 years ago

वीडियो: बंद कमरे में लड़कियों ने किया जबरदस्त डांस!

Shashank
8 years ago
Exit mobile version