सीजेआई ने रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला को हटाने की सलाह दी और अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से उन्हें हटाने की सिफारिश की है. मेडिकल प्रवेश घोटाला से जुड़े एक मामले में चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने इलाहाबाद हाइकोर्ट के जज एसएन शुक्ला को हटाने की सिफारिश की है. जस्टिस शुक्ला पर जूडिशियल मिसकंडक्ट का आरोप है. सूत्रों के मुताबिक, जजों के पैनल ने जस्टिस एस एन शुक्ला को हटाने की सिफ़ारिश की थी. सीजेआई ने रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट के जस्टिस एसएन शुक्ला को हटाने की सलाह दी और अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से हटाने की सिफारिश की है.
जस्टिस शुक्ला पर जूडिशियल मिसकंडक्ट का आरोप
जस्टिस शुक्ला पर जूडिशियल मिसकंडक्ट का आरोप लगा है. वहीँ सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से उन्हें हटाने की सिफारिश की है. मेडिकल घोटाले में CJI ने जस्टिस शुक्ला को हटाने की सिफारिश की है. प्रधान न्यायाधीश ने सरकार को सिफारिश भेजी है. इसके पहले पहले जस्टिस शुक्ला से वीआरएस लेने को कहा था लेकिन जब उन्होंने मना कर दिया तब मना करने पर न्यायिक कार्य छीना गया था. जज को हटाने के लिए राष्ट्रपति और पीएम को सूचित किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के इन हाउस प्रोसीजर के तहत कार्रवाई हुई है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद राज्यसभा के सभापति जांच आयोग का गठन करेंगे. सर्वोच्च न्यायालय के इतिहास में दूसरा मामला है जब जज को ऐसी स्थिति से गुजरना पड़ रहा है.
मेडिकल प्रवेश घोटाले में जस्टिस की बढ़ी मुश्किलें
इसमें जस्टिस शुक्ला की भूमिका तब सामने आई जब उन्होंने एक निजी मेडिकल कॉलेज को प्रतिबंध के बावजूद छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति दी थी. उनपर ये आरोप हैं कि सितंबर में जब सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ स्थित जीसीआरजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस को 2017-18 सत्र के लिए छात्रों को प्रवेश देने की इजाजत देने से रोक दिया था तब न्यायमूर्ति शुक्ला ने अपने स्वयं के पीठ के आदेश में हस्तलिखित परिवर्तन कर दिए किए थे.