राजनीति में ऊंट किस करवट बैठे कोई नहीं कह सकता है। सालों तक एक-दूसरे के विरोधी रहने वाली पार्टियां सत्ता पाने के लिए घनिष्ठ मित्र हो जाती हैं। लोकसभा चुनावों के पहले उत्तर प्रदेश में भी यही नजारा देखने को मिला जहाँ पर धुर-विरोधी सपा और बसपा ने मोदी लहर को रोकने के लिए गठबंधन किया है। अब इसी राह पर चलते हुए एक चुनाव में कांग्रेस और भाजपा का गठबंधन हो गया है और उन्होंने उस चुनाव में मिलकर सरकार भी बना ली है।

मिजोरम में हुआ गठबंधन :

देश में मिजोरम के चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस-बीजेपी में किसी को बहुमत नहीं मिला था। ऐसे में अब दोनों ही पार्टियों के स्थानीय नेताओं ने गठबंधन कर परिषद पर कब्जा जमा लिया है। 20 सदस्यीय सीएडीसी के चुनाव में कांग्रेस ने 6 और बीजेपी ने 5 सीट पर जीत हासिल की है। मिजो नेशनल फ्रंट ने 8 सीटों पर कब्जा जमाया है। सत्ता के लिए जरूरी 11 सीट का आंकड़ा किसी पार्टी को नहीं मिल सका है। अब सत्ता पाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने हाथ मिलाकर बहुमत हासिल कर लिया है। देश भर में इस गठबंधन को लेकर खबरें बनने लगी हैं।

 

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बीजेपी नेतृत्व है नाराज :

मिजोरम के खेल मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि ये दोनों दलों के स्थानीय नेताओं ने समझौता किया है। उन्होंने आगे कहा कि इस गठबंधन से राज्य के विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है। हालांकि इस कदम से राज्य बीजेपी नेतृत्व नाराज है। सूत्रों के मुताबिक़, पार्टी कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले अपने नेताओं पर कार्रवाई करने का मन बना रही है। बीजेपी के एक नेता ने बताया कि पार्टी के गुवाहाटी और दिल्ली नेतृत्व के फैसले का हम इंतजार कर रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन के तहत बीजेपी के संती जीबान चकमा चकमा स्वायत्त जिला परिषद के नेता होंगे। वहीं कांग्रेस के बुद्ध लीला चकमा सदन के उपनेता होंगे।

 

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