कांग्रेस पार्टी इन दिनों अपने सबसे खराब दौर सेे गुजर रही हैंं। लोकसभा चुनावों में बुुरी तरह हारने के बाद देश की ये सबसे सबसेे पुरानी लगातार अपना जनाधार खोती जा रही है। अभी हाल में हुए तमाम राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी इस पार्टी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा हैंं।
अब कांग्रेस पार्टी के सामने पंजाब में भी मुसीबते खड़ी होने वाली हैंं। पंंजाब में पार्टी प्रभारी बनाये गये पार्टी के सीनियर नेता और पूर्व केंन्द्रीय मंत्री कमलनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कमलनाथ ने अपना पद से इस्तीफा 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित भूमिका संबंधी विवाद को लेकर दिया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार वो विरोधियो के निशाने पर बने हुुए थे।
गौरतलब है कमलनाथ को तीन दिन पहले ही पंंजाब का पार्टी प्रभारी बनाया गया था। उनके ऊपर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगो उनकी कथित भूमिका को लेकर आरोप लगते रहे हैंं। पंजाब में जब कांग्रेस पार्टी की तरफ से वो पार्टी प्रभारी बनाये गये तो भारतीय जनता पार्टी, अकाली दल ने उनपर जमकर निशाना साधा। इन दोनो पार्टियो ने कमलनाथ को पंजाब का पार्टी प्रभारी बनाने जाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांंग्रेस पार्टी ने सिख दंगों के एक आरोपी को पंजाब का पार्टी प्रभारी बनाकर सिख समुदाय के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
कमलनाथ ने अपने ऊपर होने वालेे इस तरह के जबानी हमलो पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि सिख दंंगों में उनकी कोई भूमिका नही थी। सन 2005 तक उनके खिलाफ कोई सार्वजनिक बयान या शिकायत तक नहीं आई थीपिछली राजग सरकार द्वारा गठित नानावटी आयोग ने उन्हें बाद में दोषमुक्त भी करार दे दिया था।
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