देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी से लोकसभा और राज्यसभा में कोई सदस्य तमिलनाडु से नहीं होगा।
साल 2014 के लोकसभा चुनावों में कॉंग्रेस तमिलनाडु मे एक भी सीट जीतने में नाकाम रही थी। चुनाव में AIADMK ने 37 सीटें जीती थीं और एनडीए ने बाकी दो सीटों पर कब्जा किया था।
लोकसभा और राज्यसभा में तमिलनाडु से कांग्रेस का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा। राज्य में कांग्रेस के सहयोगी डीएमके ने गुरुवार को राज्यसभा की दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए। कांग्रेस के पास राज्य विधानसभा में 8 सीट होने के कारण एक भी राज्यसभा सीट मिलती दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में ये कहना कि दोनों सदन कांग्रेस मुक्त हो गए हैं, गलत नहीं होगा।
कांग्रेस से पी. चिदंबरम को उम्मीदवार बनाए जाने पर चर्चा हो रही थी लेकिन डीएमके के तरफ से दो उम्मीदवारों के आ जाने के बाद अब ये रास्ता भी बंद हो गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन नटचिअप्पन और मणिशंकर अय्यर राज्यसभा से रिटायर हो गए है। दक्षिणी राज्यों की तुलना में तमिलनाडु और अविभाजित आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जो सबसे ज्यादा 18 सांसदों को राज्यसभा भेजते रहे हैं। हालाँकि यूपी से भी 11 सदस्यों को भेजा जाता है।